RBI का बैंकों को मिला तोहफा …लगातार 11वीं बार रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं

RBI Monetary Policy Meeting: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने आज 6 दिसंबर 2024 को मौजूदा वित्त वर्ष की पांचवीं द्विमासिक मॉनेटरी पॉलिसी कमिटी की समीक्षा में लगातार 11वीं बार रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है. इसे 6.5 फीसदी पर बरकरार रखा है. यह बैठक बुधवार से शुरू हुई थी। जानकारों का पहले से ही मानना था कि रिजर्व बैंक रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं करेगा।

हालांकि आरबीआई गवर्नर ने 2 फेज में कैश रिजर्व रेश्यो (CRR) में 50 बेसिस प्वॉइंट की कटौती किए जाने का एलान किया है. वर्तमान में यह 4.5 फीसदी है. CRR घटने से बाजार में लिक्विडिटी बढ़ेगी और इकोनॉमी को बूस्ट मिलेगा. इसके साथ ही एमपीसी ने अपने रुख को ‘तटस्थ’ बनाये रखने का निर्णय लिया है.

प्राइस कंट्रोल पर बना रहेगा आरबीआई का फोकस
एमपीसी (MPC) की बैठक 4 दिसंबर को शुरू हुई थी। 6 दिसंबर को बैठक खत्म होने के बाद आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das) ने इसके नतीजों का ऐलान किया। उन्होंने कहा कि प्राइस स्टैबिलिटी सबसे ज्यादा जरूरी है। साथ ही ग्रोथ भी बहुत जरूरी है। जीडीपी ग्रोथ (GDP Growth) की अनदेखी नहीं की जा सकती। एमपीसी का काम दोनों का ध्यान रखना है। दुनिया भर के केंद्रीय बैंकों के सामने ग्रोथ बढ़ाने के साथ प्राइस को कंट्रोल में रखने का चैलेंज रहा है। यह चैलेंज विकसित और विकासशील दोनों तरह के देशों के सामने रहा है।

कैश रिजर्व रेश्यो (CRR) में कटौती
बैठक में नकद आरक्षित अनुपात (सीआरआर) पर भी फैसला लिया गया। इसे 4.5 फीसदी से घटाकर 4 फीसदी कर दिया गया है। यानी इसमें 50 बेसिस पॉइंट्स की कटौती की गई है। हालांकि यह कटौती 25-25 बेसिस पॉइंट्स के हिसाब से दो बार की जाएगी। पहली कटौती 14 दिसंबर से और दूसरी कटौती 28 दिसंबर से लागू होगी।

घटाया इकोनॉमिक ग्रोथ का अनुमान
पिछली तिमाही में भारत की इकोनॉमिक ग्रोथ 7 तिमाही के लो 5.4 फीसदी पर आ जाने के बावजूद महंगाई अभी भी ऊंची बनी रहने के कारण भारतीय रिज़र्व बैंक ने 6 दिसंबर को मुख्य बेंचमार्क रेट में बदलाव नहीं किया. आरबीआई ने मौजूदा स्थिति को देखते हुए इकोनॉमिक ग्रोथ रेट अनुमान को 7.2 फीसदी से घटाकर 6.6 फीसदी कर दिया है.

महंगाई का अनुमान
आरबीआई ने चालू वित्त वर्ष में रिटेल महंगाई के अनुमान को 4.5 फीसदी से बढ़ाकर 4.8 फीसदी रहने का अनुमान जताया है. आरबीआई के गवर्नर शक्तिकान्त दास ने एमपीसी की बुधवार को शुरू हुई तीन दिवसीय बैठक में लिए गए इन निर्णयों की जानकारी दी. उन्होंने कहा कि एमपीसी ने नीतिगत रेपो रेट को यथावत रखने का निर्णय किया है. समिति के 6 में से 4 सदस्यों ने नीतिगत दरों को स्थिर रखने के पक्ष में मतदान किया जबकि 2 इसमें बदलाव किए जाने के पक्ष में थे.

EMI में नहीं होगा बदलाव!
रेपो रेट वह ब्याज दर है, जिस पर कमर्शियल बैंक अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिये केंद्रीय बैंक से कर्ज लेते हैं. आरबीआई मुद्रास्फीति को काबू में रखने के लिये इस दर का उपयोग करता है. रेपो रेट के यथावत रहने का मतलब है कि मकान, वाहन समेत तमाम लोन पर मंथली किस्त (EMI) में बदलाव की संभावना कम है.

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