
RG Kar Rape case में मुख्य आरोपी संजय रॉय दोषी करार… CBI ने मांगी मौत की सजा
Kolkata Rape Case: कोलकाता की सियालदह सेशन कोर्ट ने शनिवार(18 जनवरी) को आरजी कर रेप केस मामले में अहम फैसला सुनाया। कोर्ट ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज की महिला ट्रेनी डॉक्टर के रेप और हत्या मामले में संजय रॉय को दोषी करार दिया।
बता दें कि 9 अगस्त कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के सेमिनार हॉल की तीसरी मंजिल पर पोस्ट-ग्रेजुएट ट्रेनी डॉक्टर अर्धनग्न अवस्था में मृत पाई गई. कोलकाता पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज और क्राइम सीन से मिले साक्ष्यों के आधार सिविक वालंटियर संजय रॉय को गिरफ्तार किया था.
सियालदह सेशन कोर्ट ने सुनाया फैसला
जज अनिर्बान दास ने संजय रॉय को भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 64, 66 और 103 के तहत दोषी ठहराया। उन्होंने इस जघन्य अपराध पर अपनी टिप्पणी में कहा, ‘तुम्हें सजा मिलनी ही चाहिए।’ अदालत ने मामले की सुनवाई मात्र 57 दिनों में पूरी की। बता दें कि कोर्ट ने फोरेंसिक सबूतों के आधार पर दोषी करार दिया है. वहीं अब दोषी संजय रॉय की सजा पर सोमवार को सुनवाई होगी.
20 जनवरी को होगा सजा का ऐलान
इस मामले में 57 दिनों तक दिन-प्रतिदिन सुनवाई बंद कमरे में हुई। मामले में सुनवाई 12 नवंबर, 2024 को शुरू हुई और नौ जनवरी 2025 तक चली थी। सियालदह सत्र अदालत ने 12 नवंबर 2024 से बंद कमरे में सुनवाई की और नौ जनवरी 2025 को पीड़िता के माता-पिता, जांच अधिकारियों, फोरेंसिक विशेषज्ञों और आरजी कर अस्पताल में उसके सहयोगियों सहित 50 गवाहों के बयान दर्ज किए गए। अदालत 20 जनवरी को संजय रॉय की सजा का ऐलान करेगी। उसे तब तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।
परिजनों ने अदालत से लगाईं गुहार
हालांकि, पीड़िता के माता-पिता ने अदालत से कहा है कि इस घटना एक से अधिक लोग शामिल हो सकते हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि जांच आधी-अधूरी है क्योंकि इस अपराध में शामिल अन्य लोग खुलेआम घूम रहे हैं। केंद्रीय जांच एजेंसी ने मुख्य आरोपित संजय राय की फांसी की सजा की मांग की है। उसने अदालत में यह भी कहा कि राय इस अपराध का एकमात्र गुनाहगार है।
घटना के खिलाफ देश भर में हुए प्रदर्शन
इस घटना के बाद डॉक्टरों और चिकित्साकर्मियों ने पूरे देश में विरोध प्रदर्शन किया। कोलकाता में लंबे समय तक धरने-प्रदर्शन हुए। हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट ने मामले का स्वतः संज्ञान लिया। सुप्रीम कोर्ट ने डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए एक नेशनल प्रोटोकॉल तैयार करने का निर्देश भी दिया। सीबीआई ने इस मामले में 25 सदस्यीय जांच टीम का गठन किया और कई प्रमुख लोगों से पूछताछ की। आरोपी संजय रॉय पर लाई डिटेक्शन टेस्ट और अन्य वैज्ञानिक जांचें की गईं। एजेंसी ने 125 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की, जिसमें घटना से जुड़े हर पहलू को स्पष्ट किया गया।
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