Russia Moon Mission: चांद पर इंडिया का पड़ोसी बनेगा रूस, Luna-25 को 47 साल बाद लॉन्च किया

चन्द्र मिशन : रूस ने 47 वर्षों बाद चांद के दक्षिणी ध्रुव पर भेजने के लिए अपना स्पेसक्राफ्ट लूना-25 लॉन्च कर दिया है।

इमेज क्रेडिट: सोशल प्लेटफार्म

रूस ने 47 वर्षों बाद चांद के दक्षिणी ध्रुव पर अपना अंतरिक्ष यान उतारने से जुड़ा लूना-25 मिशन लॉन्च किया है। 47 वर्षों में यह रूस का पहला मिशन है। इससे पहले जब यह सोवियत संघ था तब 18 अगस्त 1976 को लूना 24 मिशन चांद पर उतरा था। यह एक मानवरहित अंतरिक्ष यान है जो रूस के अमूर ओब्लास्ट में वोस्तोचन कोस्मोड्रोम से उड़ा। सोयुज-2 फ्रीगेट रॉकेट के जरिए लूना 25 को स्थानीय समयानुसार सुबह 8.10 बजे लॉन्च किया गया। इस रॉकेट का एक स्टेज रूस के एक गांव में गिर सकता था, जिसके कारण उसे खाली करा दिया गया था।

चांद के दक्षिणी ध्रुव पर कौन उतरेगा यह देखने के लिए दुनिया स्पेस में हो रही इस रेस पर नजर गड़ाए हुए है। लूना 25 को लूना ग्लोब लैंडर भी कहा जाता है। यह एक वर्ष तक चंद्रमा की ध्रुवीय मिट्टी की संरचना और बहुत ही पतले चंद्र बाह्यमंडल या चंद्रमा के अल्प वातावरण में मौजूद प्लाज्मा और धूल का अध्ययन करेगा। लूना 25 से पहले भारत का चंद्रयान-3 मिशन जुलाई के मध्य में लॉन्च किया गया था। दोनों के 23 अगस्त को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने की संभावना है।

रूस का यह लैंडर चार टांगों वाला है। इसमें लैंडिंग रॉकेट, प्रोपेलेंट टैंक, सोलर पैनल, कंप्यूटर और चांद की मिट्टी खोदने वाली एक रोबोटिक आर्म होगा। लूना 25 जहां एक साल का मिशन है तो भारत का चंद्रयान सिर्फ 14 दिनों तक चांद की कक्षा में रहेगा।भारत के चंद्रयान मिशन की खासियत की बात करें तो इसमें एक लैंडर, रोवर और एक प्रोपल्शन मॉड्यूल है। लूना 25 में रोवर नहीं है। अगर रूस का मिशन भारत से पहले लैंड हो भी जाता है, तो भी दक्षिणी ध्रुव पर रोवर चलाने वाला पहला देश भारत ही बनेगा।

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