सस्ते कर्ज के लिए करना होगा इंतजार, आरबीआई ने रेपो रेट में नहीं किया बदलाव

नई दिल्ली। पांच अप्रैल को शुरू हुई भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक आज समाप्त हो गई है। बैठक के बाद गवर्नर शक्तिकांत दास ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर समिति द्वारा लिए गए फैसलों की जानकारी दी।

गवर्नर शक्तिकांत दास ने बताया आरबीआई ने रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है। यह चार फीसदी पर बरकरार है। यानी ग्राहकों को ईएमआई या लोन की ब्याज दरों पर नई राहत नहीं मिली है।

मार्जिनल स्टैंडिंग फसिलिटी (MSF) रेट भी 4.25 फीसदी पर है। रिवर्स रेपो रेट को भी 3.35 फीसदी पर स्थिर रखा गया है। बैंक रेट में भी कोई बदलाव नहीं करने का फैसला लिया गया है। यह 4.25 फीसदी पर है।

उन्होंने कहा वैश्विक अर्थव्यवस्था में सुधार है, लेकिन अनिश्चितता अब भी बरकरार है। भारतीय रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष 2021-22 में देश की जीडीपी में 10.5 फीसदी की तेजी का अनुमान लगाया है। पिछली बैठक में भी जीडीपी में 10.5 फीसदी की तेजी का ही अनुमान लगाया गया था।

इस वित्त वर्ष की पहली तिमाही में यह 22.6 फीसदी होगी, दूसरी तिमाही में 8.3 फीसदी, तीसरी तिमाही में 5.4 फीसदी और चौथी तिमाही में 6.2 फीसदी।

शक्तिकांत दास ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी के बावजूद अर्थव्यवस्था में सुधार हो रहा है। लेकिन हाल ही में जिस तरह से कोरोना के मामले बढ़े हैं, उससे थोड़ी अनिश्चितता बढ़ी है।

मुद्रास्फीति पर दास ने कहा कि, वित्त वर्ष 2022 में यह 5.1 फीसदी रह सकती है। पहली और दूसरी तिमाही में खुदरा महंगाई दर 5.20 फीसदी रह सकती है। चौथी तिमाही में यह पांच फीसदी हो सकती है।

यह वित्त वर्ष 2021-22 की MPC की पहली बैठक थी। एमपीसी ने ब्याज दरों में बदलाव नहीं किया है। रिजर्व बैंक ने 22 मई 2020 को नीतिगत दरों आखिरी बार संशोधन किया था।

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