
शारदीय नवरात्रि: तृतीया और चतुर्थी का संयोग कल, जानें पूजा-विधि व शुभ मुहूर्त

7 अक्टूबर से शारदीय नवरात्रि प्रारंभ हो गए हैं। नवरात्रि के पावन पर्व में मां के 9 रूपों की पूजा-अर्चना की जाती है। हालांकि इस बार नवरात्रि 8 ही दिनों की है। तृतीया और चतुर्थ नवरात्रि एक ही दिन यानी 9 अक्टूबर को है।
9 अकटूबर को सुबह 7 बजकर 38 मिनट तक तृतीया तिथि है उसके बाद चतुर्थी तिथि लग जाएगी। तृतीया तिथि पर मां के तृतीय स्वरूप मां चंद्रघंटा और चतुर्थी तिथि पर मां के चतुर्थ स्वरूप मां कूष्माण्डा की पूजा- अर्चना की जाती है।
आइए जानते हैं पूजा- विधि व शुभ मुहूर्त-
पूजा- विधि
सुबह उठकर स्नान करने के बाद पूजा के स्थान पर गंगाजल डालकर उसकी शुद्धि कर लें।
घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें।
मां दुर्गा का गंगा जल से अभिषेक करें।
मां को अक्षत, सिन्दूर और लाल पुष्प अर्पित करें, प्रसाद के रूप में फल और मिठाई चढ़ाएं।
धूप और दीपक जलाकर दुर्गा चालीसा का पाठ करें और फिर मां की आरती करें।
मां को भोग भी लगाएं। इस बात का ध्यान रखें कि भगवान को सिर्फ सात्विक चीजों का भोग लगाया जाता है।
शुभ मुहूर्त-
ब्रह्म मुहूर्त- 04:40 AM से 05:29 AM
अभिजित मुहूर्त- 11:45 AM से 12:31 PM
विजय मुहूर्त- 02:05 PM से 02:51 PM
गोधूलि मुहूर्त- 05:46 PM से 06:10 PM
अमृत काल- 08:48 AM से 10:15 AM
रवि योग- 06:18 AM से 04:47 PM