चारा घोटाला: लालू यादव को पांच साल की सजा, 60 लाख का जुर्माना
रांची (झारखण्ड)। रांची स्थित सीबीआई की विशेष अदालत ने बहुचर्चित चारा घोटाले के 5वें केस में राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को 5 साल की सजा सुनाई है और 60 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है। यह मामला डोरंडा कोषागार से अवैध निकासी का है।
लालू के वकील ने कहा कि जमानत के लिए अर्जी दी जाएगी लेकिन जमानत नहीं मिलने तक लालू को जेल में ही रहना पड़ेगा। बता दें कि इस मामले में लालू के साथ 75 आरोपियों को 15 फरवरी को दोषी करार दिया गया था और 24 को रिहा कर दिया गया था।
इनमें से 36 को तीन-तीन साल की सजा मुकर्रर की जा चुकी है। वहीं बाकी दोषियों को आज वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से सजा सुनाई जा रही है।
कैसे हुआ फर्जीवाड़ा
इस घोटाले में कई चौंकाने वाले मामले सामने आए। मामला 1990-92 के बीच का है। अफसरों और नेताओं ने फर्जीवाड़ा की नई कहानी ही लिख दी।
फर्जीवाड़ा कर बताया गया कि 400 सांड़ को हरियाणा और दिल्ली से स्कूटर और मोटरसाइकिल पर रांची तक ढोया गया। यानी घोटाले में जिस गाड़ी नंबर को विभाग ने पशु को लाने के लिए दर्शाया था, वे मोटसाइकिल और स्कूटर के नंबर निकले।
सीबीआई ने जांच में पाया कि कई टन पशुचारा, पीली मकई, बादाम, खल्ली, नमक आदि ढोने के लिए स्कूटर, मोटरसाइकिल और मोपेड का नंबर दिया गया था।
सीबीआई ने कहा था-इसमें मंत्री कर्मचारी सब शामिल
CBI ने जांच में कहा था कि ये व्यापक षड्यंत्र का मामला है। इसमें राज्य के नेता, कर्मचारी और व्यापारी सब भागीदार थे। मामले में बिहार के एक और पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत डॉ. जगन्नाथ मिश्र समेत राज्य के कई मंत्री गिरफ्तार किए गए थे।