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Trade War के खौफ से शेयर बाजार में हाहाकार, 10 लाख करोड़ स्वाहा…
Share Market Crash: अमेरिका की तरफ से स्टील और एल्युमिनियम पर 25% आयात शुल्क लगाए जाने के बाद भारतीय शेयर बाजार में मंगलवार को सेंसेक्स 1000 अंक से ज्यादा टूट गया. इस असर यह हुआ कि हर सेक्टर में बिकवाली देखी जा रही है.
शेयर बाजार में आज लगातार पांचवें दिन गिरावट दिख रही है। बैंकिंग, ऑटो, मेटल और IT शेयरों में भारी बिकवाली देखी गई। कमजोर घरेलू कमाई और अमेरिकी व्यापार नीति को लेकर चिंता ने निवेशकों का उत्साह ठंडा कर दिया। दोपहर 2.09 बजे बीएसई सेंसेक्स 1,227 अंक यानी 1.59% की गिरावट के साथ 76,084 पर कारोबार कर रहा था। वहीं निफ्टी 50 इंडेक्स भी 23,000 अंक से नीचे आ गया। सभी प्रमुख सेक्टर लाल निशान में बंद हुए। स्मॉलकैप और मिडकैप सूचकांक क्रमशः 3.9% और 3.5% टूट गए। इस गिरावट से बीएसई में लिस्टेड सभी कंपनियों का कुल मार्केट कैप 9.87 लाख करोड़ रुपये घटकर 407.95 लाख करोड़ रुपये रह गया।
सेंसेक्स और निफ्टी में बड़ी गिरावट
सेंसेक्स 1,054 अंकों की गिरावट के साथ 76,257.10 पर कारोबार करता देखा गया. इसी तरह निफ्टी 50 भी टूट गया और यह 331 अंक गिरकर 23,050 के लेवल पर आ गया. मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में भारी गिरावट देखने को मिल रही है. निफ्टी मिडकैप 100 3% और निफ्टी स्मॉलकैप 100 4% तक टूट गए. मंगलवार के कारोबारी सत्र में बीएसई में लिस्टेड कंपनियों का कुल मार्केट कैपिटलाइजेशन 9.68 लाख करोड़ रुपये घटकर 408.88 लाख करोड़ रुपये रह गया.
HDFC Bank, ICICI Bank और Kotak Mahindra Bank के शेयरों में 3% तक की गिरावट देखी गई। इन तीनों बैंकों ने सेंसेक्स की कुल गिरावट में 270 अंकों का योगदान दिया। ये बैंक बाजार में गिरावट के प्रमुख कारणों में से एक रहे। आइए समझते हैं कि आज शेयर बाजार क्यों गिर रहा है?
अमेरिका में टैरिफ
बाजार में गिरावट का पहला कारण है अमेरिका द्वारा स्टील और एल्युमीनियम पर टैरिफ में बढ़ोतरी। ट्रंप ने सोमवार को स्टील और एल्युमीनियम के आयात पर टैरिफ में 25 फीसदी वृद्धि की घोषणा की। इसका उद्देश्य संघर्ष कर रहे उद्योगों को समर्थन देना है, लेकिन इससे कई देशों के साथ व्यापार युद्ध का खतरा बढ़ गया है। व्हाइट हाउस के एक अधिकारी ने पुष्टि की कि नए टैरिफ 4 मार्च से लागू होंगे। कनाडा, ब्राजील, मैक्सिको, दक्षिण कोरिया और अन्य देशों से आयात पर दर 25% हो जाएगी जिन्हें पहले छूट मिलती थी।
विशेषज्ञों के अनुसार, शेयर बाजार की चाल वैश्विक संकेतों और मजबूत घरेलू ट्रिगर्स न होने से निवेशक भी डरे हुए हैं। उन्होंने कहा कि निवेशक आगे की दिशा के लिए वैश्विक बाजार के रुझान, कच्चे तेल की कीमतों और संस्थागत प्रवाह पर बारीकी से नजर रखेंगे। दैनिक चार्ट पर, निफ्टी ने एक मंदी की कैंडलस्टिक बनाई है, जो नेगेटिव सेंटिमेंट का संकेत देती है। सूचकांक 23,460 पर प्रमुख प्रतिरोध का सामना कर रहा है, और इस स्तर से ऊपर का ब्रेकआउट 23,550 और 23,700 की ओर आगे की बढ़त को बढ़ावा दे सकता है।विदेशी निवेशकों की बिकवाली चिंता का विषय बनी हुई है।
10 फरवरी को विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने 2,463 करोड़ रुपये के शेयर बेचे थे, जबकि घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) ने 1,515 करोड़ रुपये की खरीदारी की थी। चॉइस ब्रोकिंग के आकाश शाह ने कहा, “बाजार की दिशा तय करने के लिए विदेशी निवेशकों की बिकवाली पर बारीकी से नजर रखी जाएगी। कुल मिलाकर, ट्रेडर्स को सलाह दी जाती है कि वे सावधानी बरतें। उन्हें नई पोजिशन लेने से पहले वैल्यूएशन करेक्शन का इंतजार करना चाहिए।’