पति का मर्डर करने वाली डॉक्टर के सपोर्ट में पूरा देश,अफेयर, मैरिज और अश्लील वीडियो से भरा लैपटॉप…
यह कहानी श्रीलंका से आकर ऑस्ट्रेलिया में बसे डॉक्टर दंपति की. जहां पत्नी ने अपने ही पति को हथौड़े से मार डाला. लेकिन इस केस में ऐसा कुछ हुआ कि जो कातिल वो विक्टिम माना गया और जो मृतक था वो ही यहां असली विलेन माना गया. ये पूरी कहानी चलिए जानते हैं विस्तार से
डॉ.चमारी लियानागे (Chamari Liyanage) और डॉ. दिनेंद्र अथूकोरला (Dinendra Athukorala) का जन्म श्रीलंका में हुआ था. दोनों ने वहीं से MBBS की पढ़ाई की. जॉब के दौ दौरान 2009 में चमारी और दिनेंद्र की मुलाकात हुई. दोनों में दोस्ती हुई और दोस्ती प्यार में बदल गई. इसके बाद दोनों ने साल 2009 मे शादी भी कर ली. शादी के बाद दोनों ने श्रीलंका में ही डॉक्टरी की प्रैक्टिस की. काफी कम समय में दोनों ने इस फील्ड में अच्छा खासा नाम भी कमा लिया.
इसके बाद फ्यूचर की तलाश में वे दोनों ऑस्ट्रेलिया के जेराल्डटन शहर (Geraldton) में शिफ्ट हो गए. यहीं रहते हुए दोनों ने अपनी प्रैक्टिस भी शुरू कर … श्रीलंका की तरह यहां भी दंपति एक अच्छे डॉक्टर के रूप में पहचान बनाने में कामयाब हुआ. यह दंपति अच्छा डॉक्टर होने के साथ-साथ दुनिया की नजरों में एक बेहतरीन कपल था. बाकी लोगों के साथ भी इनका व्यवहार काफी अच्छा था.
डॉ.चमारी ने पुलिस को किया फोन
इनकी जिंदगी में सब कुछ अच्छा चल रहा था लेकिन सिर्फ दुनिया की नजरों में. दरअसल, हकीकत तो कुछ और ही थी. फिर दिन आया 24 जून 2014 का दिन. सुबह 6 बजकर 30 मिनट पर चमारी ने ऑस्ट्रेलिया एमरजेंसी हेल्पलाइन नंबर पर फोन किया. उन्होंने बेहद घबराई आवाज में पुलिस को बताया कि किसी ने उनके पति की हत्या कर दी है.
एक डॉक्टर की हत्या की बात सुनकर पुलिस टीम फौरन मौके पर पहुंची. वहां का नजारा देख वे हैरान रह गए. वहां एक बेड पर दिनेंद्र की लाश पड़ी थी. शव के पास लोहे का हथौड़ा पड़ा था. एक तकिया उनके चेहरे के ऊपर था. पूरी लाश खून से तरबतर थी. दिनेंद्र के सिर और चेहरे पर हथौड़े से कई वार किए गए थे. पुलिस ने तुरंत शव को पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया और जांच शुरू कर दी.
हत्या का शक चमारी की तरफ गया
सबसे पहले पुलिस वालों ने यह पता लगाने की कोशिश की कि कहीं किसी बाहरी व्यक्ति ने इस हत्या को अंजाम तो नहीं दिया. लेकिन उन्हें ऐसा कोई सबूत नहीं मिला. तब पुलिस वालों को चमारी पर शक गया. उन्होंने सोचा कि अगर दिनेंद्र पर किसी ने इतना जोरदार हमला किया था तो चमारी भी तो उनके साथ ही सो रही थीं. उन्हें एक खरोच तक नहीं आई. न ही उन्होंने अपने पति को बचाने की कोशिश की. न ही इस घर में कोई लूट हुई है. तो आखिर दिनेंद्र को मारा तो मारा किसने? इन्ही सभी सवालों के जवाब के लिए उन्होंने चमारी से पूछताछ शुरू की.
जेराल्डटन गार्जियन की रिपोर्ट के मुताबिक, चमारी ने बताया कि मैं रात घर पहुंची थी और सीधे बिस्तर पर आकर सो गई. जब सुबह उठी तो देखा कि वहां दिनेंद्र की हत्या हो चुकी है. उन्होंने इस बात से साफ इनकार कर दिया कि उन्हें हत्या या हत्यारे के बारे में कुछ भी पता है. लेकिन फिर भी पुलिस को उनकी बातों पर यकीन नहीं हुआ. लेकिन जैसे-जैसे पुलिस की जांच आगे बढ़ी तो पुलिस का शक और भी गहरा हो गया.
हथौड़े पर भी चमारी के ही हाथों के निशान थे. पुलिस ने जांच पूरी करके रिपोर्ट पेश की जिसमें चमारी को ही हत्यारा बताया गया. फिर भी चमारी अपने ही बयान पर टिकी रहीं. पुलिस ने सबूतों के साथ सारी रिपोर्ट कोर्ट के सामने पेश की. जिसके बाद चमारी के दो दिन के रिमांड पर जेल भेज दिया गया.
कत्ल की असल वजह आई सामने
पुलिस ने उनसे पूछताछ एक बार फिर शुरू की. तब चमारी ने इस कत्ल की असल वजह बताई. उन्होंने बताया कि दिनेंद्र शुरुआत में तो उनके साथ काफी अच्छा व्यवहार करता था. लेकिन शादी के बाद दिनेंद्र बदल गया. वह उन्हें टॉर्चर देने लगा था. वह उन्हें मेंटली, फिजिकली और इमोशनली टॉर्चर देने लगा था.
इस बात का सबूत देने के लिए चमारी पुलिस वालों को अपने साथ घर लेकर गईं. उन्होंने वहा एक स्टील की कुर्सी दिखाई. जिससे अक्सर दिनेंद्र उन्हें पीटता था. स्टील की वह कुर्सी बिल्कुल टेढ़ी हो चुकी थी. घर में एक लकड़ी का बेलन भी उन्होंने पुलिस को दिखाया. इस बेलन से भी दिनेंद्र अपनी पत्नी चमारी को बुरी तरह पीटता था. इस कारण चमारी के इनर थाई पर गंभीर जख्म बन चुके थे.
सही पाया गया चमारी का दावा
इसके अलावा चमारी ने किचन की वो दीवार भी दिखाई जहां दिनेंद्र उन्हें प्लेट फेंक-फेंककर मारता था. वहां काफी सारे दाग लगे हुए थे. जिससे लग रहा था कि चमारी सच बोल रही हैं. लेकिन इस बात की पुष्टि के लिए पुलिस ने उन सब चीजों को फोरेंसिक जांच के लिए भिजवाया. साथ ही चमारी का भी मेडिकल करवाया. रिपोर्ट में चमारी का दावा बिल्कुल सही पाया गया.
इन सब दावों और सबूतों के बावजूद चमारी को दिनेंद्र ही हत्या के लिए जेल में बंद कर दिया गया. लेकिन यहां वह काफी खुश नजर आईं. पुलिस ने जब इसका कारण पूछा तो चमारी ने काफी अजीब जवाब दिया. उन्होंने कहा कि जब मैं घर के अंदर थी तो ऐसा लगता था जैसे मैं वहां बंद हूं. लेकिन अब जब मैं जेल में बंद हूं तो मुझे ऐसा लग रहा है जैसे मैं आजाद हूं.
चमारी की वीजा हुआ कैंसिल
चमारी के जेल में रहने के दौरान ऑस्ट्रेलिया के विदेश मंत्रालय ने उनका वीजा कैंसिल कर दिया. तय किया गया कि जेल से छूटते ही उन्हें वापस श्रीलंका भेज दिया जाएगा. इसके बाद कोर्ट में जब मामला चल रहा था तो वहां और भी कई खुलासे हुए. चमारी ने बताया कि दिनेंद्र अप्राकृतिक रूप से उनका यौन शोषण करता था. लेकिन इसके साथ ही वह दूसरे मर्दों के साथ भी उन्हें फिजिकल रिलेशन बनाने के लिए मजबूर करता था.
इस दावे की पुष्टि के लिए एक लड़की को कोर्ट में पेश किया गया. उसने बताया कि 2014 में दिनेंद्र और चमारी के साथ उसकी दोस्ती एक पार्टी के दौरान हुई. दिनेंद्र ने उसे पैसे और मंहगे गिफ्ट देकर उसके साथ कई बार संबंध बनाए. शुरुआत में तो वह भी इसके लिए राजी थी. लेकिन जब दिनेंद्र ने उसे भी टॉर्चर देना शुरू किया तो चमारी ने ही उस लड़की की मदद की. लड़की ने चमारी के एक अच्छा इंसान और दिनेंद्र को विलेन बताया.
दिनेंद्र को बच्चों के साथ संबंध बनाना पसंद था
चमारी ने यह भी बताया कि दिनेंद्र को बच्चों के साथ फिजिकल रिलेशन बनाना बहुत पसंद था. वह उनका इतना आदी हो चुका था कि दिनभर बच्चों के अश्लील वीडियो देखता था. वो ऑनलाइन माध्यम से भी बच्चों को अपने झांसे में फंसाता और उनके साथ गंदी हरकत करता. इस बात की पुष्टि के लिए पुलिस ने दिनेंद्र के तीन लैपटॉप जब्त करके उनकी जांच शुरू की. चमारी का यह दावा भी बिल्कुल सच निकला. दिनेंद्र के पास 13 टेराबाइट कलेक्शन सिर्फ बच्चों के पोर्न वीडियो के थे.
जैसे-जैसे ये सब खुलासे होने लगे लोगों का भावनात्मक झुकाव चमारी की तरफ हो गया. उनका कहना था कि चमारी इस केस में विक्टिम है और दिनेंद्र ही असली विलेन था. चमारी के समर्थन में फिर कई लोग उतरे. उनके समर्थन में कई कैंपेन भी चलाए गए. यह मामला इतना सुर्खियों में रहा कि ऑस्ट्रेलिया के साथ-साथ पूरी दुनिया भी चमारी का ही समर्थन करने लगी.