Lockdown: 16 अक्टूबर तक लॉकडाउन, कैफे, रेस्तरां बंद, धरना-प्रदर्शनों पर रोक?
Pakistan Lockdown: पाकिस्तान का इस्लामाबाद शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन की मेजबानी करने के लिए पूरी तरह तैयार है. अधिकारियों ने इसमें भाग लेने वाले उच्च-स्तरीय लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए राजधानी को बंद करने का प्लान तैयार किया है.
पाकिस्तान सरकार ने जरूरी कदम उठाते हुए, आतंकवादी गतिविधियों पर बढ़ती चिंताओं और इमरान खान के नेतृत्व वाली विपक्षी पार्टी के विरोध के कारण इस्लामाबाद की सुरक्षा की जिम्मेदारी सेना को सौंप दी है.
कैफे, रेस्तरां और विवाह हॉल बंद
इस संबंध में डॉन अखबार ने खबर प्रकाशित की है. रिपोर्ट के अनुसार, शिखर सम्मेलन में भाग लेने वाले प्रतिनिधियों की सुरक्षा और संरक्षण को सुविधाजनक बनाने के लिए संघीय सरकार ने 14 अक्टूबर से इस्लामाबाद में 3 दिवसीय छुट्टी की घोषणा की है. क्षेत्र में कैफे, रेस्तरां, स्नूकर क्लब और विवाह हॉल को बंद रखने के सख्त आदेश जारी किए गए हैं.
पुलिस और अर्धसैनिक बल के जवान तैनात
मंगलवार और बुधवार को होने वाले दो दिवसीय सम्मेलन में भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर, रूसी प्रधानमंत्री मिखाइल मिशुस्टिन और चीनी प्रधानमंत्री ली कियांग सहित वरिष्ठ क्षेत्रीय सरकारी अधिकारी भाग लेंगे. डॉन न्यूज के अनुसार, 15 और 16 अक्टूबर को 23वें एससीओ शिखर सम्मेलन के लिए इस्लामाबाद पहुंचने वाले लगभग 900 प्रतिनिधियों की सुरक्षा के लिए 10,000 से अधिक पुलिस और अर्धसैनिक बलों के जवानों को तैनात किया गया है. इसके अतिरिक्त, सरकार ने 5 से 17 अक्टूबर तक राजधानी इस्लामाबाद में सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए संविधान के अनुच्छेद 245 के तहत सेना की टुकड़ियां तैनात की हैं.
विरोध प्रदर्शन की धमकी
इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) ने शिखर सम्मेलन के दौरान विरोध प्रदर्शन की धमकी दी है. पाकिस्तान के योजना मंत्री अहसान इकबाल चौधरी ने पीटीआई पर कार्यक्रम को बाधित करने की कोशिश करने का आरोप लगाया है और कहा-पीटीआई दुनिया को पाकिस्तान का सकारात्मक पक्ष नहीं दिखाना चाहती. इसके बजाय, उनका उद्देश्य अशांति से भरे देश की तस्वीर पेश करना है.
राजनीतिक रैलियों, धरना-प्रदर्शनों पर रोक
पंजाब सरकार ने एससीओ शिखर सम्मेलन के लिए पीएएफ बेस नूर खान, रावलपिंडी और न्यू इस्लामाबाद अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर विदेशी गणमान्य व्यक्तियों के आगमन का हवाला देते हुए, 10 से 17 अक्टूबर तक 8 दिनों के लिए रावलपिंडी जिले में धारा 144 लागू कर दी है. आदेश में इस अवधि के दौरान सभी राजनीतिक सभाओं, रैलियों, धरना-प्रदर्शनों और इसी तरह की गतिविधियों पर रोक लगाई गई है.