जब Sushmita Sen के सिर पर सजा था मिस यूनिवर्स का ताज, इमोशनल पोस्ट कर कही मन की बात

Bollywood: साल 1994 में एक्ट्रेस सुष्मिता सेन (Shushmita Sen) ने 18 साल की छोटी-सी उम्र में मिस यूनिवर्स का ताज जीतकर इतिहास रच दिया था। मिस यूनिवर्स की जीत की 30वीं एनिवर्सरी पर सोशल मीडिया पर पोस्ट एक्ट्रेस ने मां की बात काही है।

साल 1994 भारत के लिए काफी गौरवान्वित करने वाला साल था। सुष्मिता सेन पहली भारतीय हैं जिनके सर मिस यूनिवर्स का ताज सजा। ये पहली बार था जब किसी भारतीय ने मिस यूनिवर्स का खिताब जीता था। साल 1994 में उन्होंने भारत को पहली बार ये सम्मान दिलाया था। इस खास दिन ने अब 30 साल पूरे कर लिए हैं। सुष्मिता सेन ने मिस यूनिवर्स की जीत की 30वीं एनिवर्सरी पर सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर किया है। इसके साथ ही एक्ट्रेस ने एक थ्रोबैक फोटो पोस्ट की है। 21 मई 1994 को मिस यूनिवर्स का खिताब के जीत का जश्न पूरे देश ने मनाया था।

जब सुष्मिता ने रचा था इतिहास

सुष्मिता सेन ने मिस यूनिवर्स का खिताब जीतने के 30 साल पूरे होने का जश्न मनाते हुए सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर किया है। एक्ट्रेस ने मंगलवार को इंस्टाग्राम पर एक पुरानी तस्वीर पोस्ट की और एक लंबा नोट लिखा। फोटो में 18 साल की यंग सुष्मिता सेन एक बच्ची को गोद में लिए हुए नजर आ रही हैं और उसे देखकर मुस्कुरा रही हैं।

सुष्मिता ने देश को किया गौरवान्वित

सुष्मिता सेन ने पोस्ट में उस दिन के बारे में बताया जब ये फोटो ली गई थी। एक्ट्रेस ने कैप्शन में कहा, “ये छोटी लड़की, जिससे मैं एक अनाथालय में मिली थी, उसने मुझे एक 18 साल की लड़की को जिंदगी का सबसे मासूम, लेकिन गहरा सबक सिखाया, जिसे मैं आज तक जी रही हूं। ये फोटो 30 साल पहले ली गई थी, जब मिस यूनिवर्स का ताज पहली बार भारत आया था!!!”

आपको बता दे, सुष्मिता सेन ने 1994 में मिस यूनिवर्स खिताब जीतने के बाद युक्ता मुखी, लारा दत्ता और हरनाज संधू ने यह खिताब अपने नाम किया। 1994 के कार्यक्रम के दौरान लास्ट राउंड दौर में एक्ट्रेस से पूछा गया था, जिसके बाद मिस यूनिवर्स का टाइटल उनके नाम हुआ था। सुष्मिता से पूछा गया, “आपके लिए एक महिला होने का सार क्या है?” उन्होंने जवाब दिया, “एक महिला होना भगवान का एक उपहार है जिसकी हम सभी को सराहना करनी चाहिए। एक बच्चे की उत्पत्ति मां से होती है, जो एक महिला है। वह एक आदमी को दिखाती है कि देखभाल करना, शेयर करना और प्यार करना क्या होता है। यही एक महिला होने का सार है।”

Back to top button