शिंदे के शपथ पर सस्पेंस…कार्यक्रम से ठीक पहले बोलें शिवसेना के बड़े नेता

शिवसेना प्रमुख एकनाथ शिंदे का नई सरकार में आज डिप्टी सीएम के तौर पर शपथ लेना तय नहीं है। बुधवार रात से खबर थी कि वह उपमुख्यमंत्री बनने के लिए राजी हो गए हैं, लेकिन आज उनकी पार्टी के नेता उदय सामंत ने कहा कि अभी इस पर फैसला नहीं हुआ है।

उन्होंने कहा कि एकनाथ शिंदे जल्दी ही तय करेंगे कि क्या करना है। शिवसेना नेता और निवर्तमान उद्योग मंत्री ने कहा कि सभी विधायकों ने तय किया है कि यदि एकनाथ शिंदे सरकार का हिस्सा नहीं बनेंगे तो हम भी शामिल नहीं होंगे। सामंत ने कहा कि सभी मंत्री बुधवार की शाम को एकनाथ शिंदे से मिले थे और उन्हें इसके लिए राजी करने की कोशिश की थी।

शिंदे को मनाने में फडणवीस की अहम भूमिका
इस निर्णय लेने की प्रक्रिया में फडणवीस ने केंद्रीय भूमिका निभाई। सरकार बनाने का दावा पेश करने के बाद, फडणवीस ने वर्षा में शिंदे से मुलाकात की और उनसे मंत्रिमंडल में शामिल होने का आग्रह किया। अपनी 20 मिनट की बैठक के दौरान, शिंदे ने आपत्ति जताई, लेकिन कथित तौर पर उन्हें गृह विभाग, MSRDC और ऊर्जा सहित प्रमुख विभागों देने का आश्वासन दिया गया, जो शासन और उनकी पार्टी की राजनीतिक स्थिति दोनों के लिए महत्वपूर्ण हैं।
मीडिया से बात करते हुए, फडणवीस ने कहा, “शिवसेना और महायुति सदस्यों की इच्छा है कि शिंदे इस सरकार में हमारे साथ हों। मुझे पूरा विश्वास है कि वह हमारे साथ जुड़ेंगे।”

शिंदे पर शिवसेना विधायकों का भी रहा दबाव
शिंदे को मनाने में शिवसेना विधायकों और पूर्व कैबिनेट सहयोगियों ने भी अहम भूमिका निभाई। सूत्र बताते हैं कि शिंदे शुरू में चाहते थे कि पार्टी का कोई वरिष्ठ नेता डिप्टी सीएम की भूमिका निभाए। हालांकि, राज्य भर के विधायकों, सांसदों और शिवसैनिकों की लगातार मांग ने उन्हें फिर से इस पर सोचने के लिए मजबूर किया।

उन्होंने कहा कि हमने तय किया है कि मिलकर काम करेंगे और जिला एवं नगर पंचायत के चुनावों में तीन और धनुष के सिंबल पर जीत दर्ज करेंगे। उदय सामंत ने कहा कि मैंने और अन्य सभी नेताओं ने एकनाथ शिंदे से कहा कि यदि आप डिप्टी सीएम नहीं बने तो फिर हम सब भी सरकार में शामिल नहीं होंगे। उन्होंने कहा कि शिवसैनिकों की जरूरत है कि एकनाथ शिंदे डिप्टी सीएम बनें। वहीं उन्होंने साफ कर दिया कि अब तक एकनाथ शिंदे का शपथ लेना तय नहीं है। सामंत ने कहा कि अगले करीब एक घंटे में एकनाथ शिंदे इसके बारे में फैसला कर लेंगे।

शिवसेना के लिए कितना ज़रूरी तह ये फैसला?
हालांकि, मुख्यमंत्री के बाद डिप्टी CM बनना शिंदे को शायद पसंद नहीं आ रहा था। दूसरी ओर, अगर शिंदे डिप्टी CM का पद स्वीकार नहीं करते, तो इससे महायुति गठबंधन के भीतर शिवसेना का प्रभाव कमजोर हो सकता है और इसकी भविष्य की राजनीतिक संभावनाएं खतरे में पड़ सकती हैं।

शिंदे का बतौर उपमुख्यमंत्री फडणवीस के नेतृत्व वाली सरकार में शामिल होने का निर्णय महाराष्ट्र के राजनीतिक परिदृश्य में एक अहम क्षण है। यह सत्तारूढ़ गठबंधन के भीतर शिवसेना की भूमिका और पार्टी के भीतर शिंदे के नेतृत्व को मजबूत करता है। अच्छे और बड़े पोर्टफोलियो के आश्वासन ने भी गठबंधन सद्भाव बनाए रखने के बड़ी भूमिका अदा की। जैसा कि महाराष्ट्र महायुति सरकार के तहत इस नए अध्याय की शुरुआत कर रहा है, राज्य में शासन और राजनीतिक गतिशीलता को आकार देने में शिंदे की भूमिका बड़ी रहेगी।

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