एक उद्योगपति ऐसा भी जिसके अंदर बहती है आध्यात्म और भक्ति की रसगंगा

डॉ. समीर त्रिपाठी

एक व्यापारी या उद्योगपति से ज्यादातर यही अपेक्षा की जाती है कि वो अपना व्यापार ईमानदारीपूर्वक चलाए और समाज के लिए भी कुछ करता रहे। कोरोना वैश्विक महामारी के दौर में यह देखा गया कि व्यापारियों ने दिल खोलकर लोगों की मदद की।

लेकिन क्या हम यह सोच सकते हैं कि किसी उद्योगपति या व्यापारी के हृदय में आध्यात्म और भक्ति की ऐसी  रसधारा बहती होगी जिसमे डुबकी लगाकर समूचा संसार स्वयं को तृप्त समझेगा।

ऐसे ही उद्योगपति हैं मेधज टेक्नोकांसेप्ट के संस्थापक डॉ. समीर त्रिपाठी जिन्होंने कोरोना महामारी के काल को आपदा में अवसर की रूप में लिया और सम्पूर्ण रामचरित मानस (अर्थसहित) को अपना सुर प्रदान किया।

इससे पूर्व डॉ. समीर त्रिपाठी ने अपने पिता स्व. शिवदत्त त्रिपाठी द्वारा लिखित गीता वाणी नामक पुस्तक से प्रेरित होकर भगवतगीता, शिवस्त्रोत, नारद उवाच आदि मन्त्रों को अपनी सुरीली आवाज में पिरोया है।

कोरोना काल में अपने कर्मचारियों का पूरा ध्यान रखते हुए डॉ. समीर त्रिपाठी ने उन्हें भक्ति और आध्यात्म की शक्ति से परिचित कराया।

उनका मनोबल बढ़ाते हुए डॉ. त्रिपाठी ने उन्हें बताया कि उस परम सत्ता के आगे कोई कुछ भी नहीं। हम कितना भी पैसा कमा लें, तकनीकी से लैस हो जांय या मंगल और चाँद पर पहुँच जाएं, अंततः सभी को उस परमपिता की शरण में ही जाना होगा जिसे कभी कभी हम नकार देते है।

देखा जाय तो बिना किसी व्यापारिक पृष्ठभूमि के इतना बड़ा व्यापार खड़ा कर देना ही अपने आप में कीर्तिमान था और उस पर इस तरह की आध्यात्मिक सोच। जरूर डॉ. समीर त्रिपाठी पर ईश्वर की विशेष कृपादृष्टि है।

डॉ. समीर त्रिपाठी की इस ऐतिहासिक व आध्यात्मिक उपलब्धि को इंडिया रिकार्डस व हाई रेंज वार्ड रिकॉर्ड ने अपना प्रमाण पत्र प्रदान किया है। अन्य कंपनियों के प्रतिनिधियों से भी संस्तुति मिल चुकी है।

अब आगामी 21 अप्रैल को रामनवमी के पावन पर्व पर डॉ. समीर त्रिपाठी अपने अध्यात्म यू ट्यूब चैनल मेधज एस्ट्रो का शुभारम्भ भी करने जा रहे है।

उस दिन इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में साधु संतों की अगुआई में सम्पूर्ण रामचरित मानस (अर्थसहित) के गायन को इस चैनल पर रिलीज करने का कार्यक्रम पूरे कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए किया जा रहा है।   

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