ग्लेशियर हादसा: टनल में 100 मीटर गहराई तक हटाया गया मलबा, बचाव कार्य जारी

देहरादून। उत्तराखंड के चमोली के आपदा प्रभावित इलाकों में सेना, आइटीबीपी, एसएसबी और एसडीआरएफ की टीमें बचाव कार्य में जुटी हुई हैं। चमोली पुलिस के अनुसार, टनल में फंसे लोगों के लिए राहत एवं बचाव कार्य जारी है।

जेसीबी की मदद से टनल के अंदर पहुंच कर रास्ता खोलने का प्रयास किया जा रहा है। अब तक कुल 15 व्यक्तियों को रेस्क्यू किया गया है एवं 14 शव अलग-अलग स्थानों से बरामद किये गये हैं। वहीं अभी टनल में 30 लोग फंसे हुए हैं।

इस कड़ी में रविवार दोपहर को वायुसेना के सी-130 एयरक्राफ्ट एनडीआरएफ की टीम और पांच क्विंटल राहत सामग्री लेकर जौलीग्रांट पहुंचे। एनडीआरएफ की टीम के साथ ही सेना के जवान व नौसेना के गोताखोरों को दोपहर बाद रैणी गांव के लिए रवाना किया गया।

वहीं, शाम को नौसेना के स्पेशल कमांडो (माकरेस) भी जौलीग्रांट पहुंच गए। सोमवार सुबह पौने सात बजे वायुसेना के जवान राहत सामग्री और माकरेस को लेकर प्रभावित स्थल की ओर रवाना हो गए। यहां वायुसेना प्रभावित क्षेत्रों में हवाई सर्वे भी करेगी।

उत्तराखंड के डीजीपी अशोक कुमार ने कहा कि अब तक तपोवन से 3 और कर्णप्रयाग के मार्ग में 7 कुल 10 शव बरामद किए गए हैं। कल तपोवन में छोटी सुरंग से 12 लोगों को बचाया गया, जबकि बड़ी सुरंग को खोलने के प्रयास जारी हैं। इससे मलबा निकाला जा रहा है।

भारतीय वायु सेना के अनुसार,  देहरादून से जोशीमठ के लिए एमआई -17 और एएलएच हेलीकॉप्टरों ने उड़ान भरी। साथ ही हवाई बचाव और राहत मिशन फिर से शुरू हो गए हैं।

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