उप्र विधान परिषद चुनाव: आयातित नेताओं पर दांव लगाने की तैयारी में भाजपा

bjp

लखनऊ। उप्र विधान परिषद में स्थानीय निकाय क्षेत्र की 35 सीटों पर 3 व 7 मार्च को होने वाले चुनाव में भाजपा दूसरे दलों से आए नेताओं पर दांव लगाने की तैयारी कर रही है। इस चुनाव के परिणाम 12 मार्च को आएंगे।

भाजपा ने परिषद में अपना बहुमत हासिल करने के लिए विधानसभा चुनाव के साथ ही परिषद चुनाव की तैयारी तेज कर दी है। 100 सदस्यों वाली विधान परिषद में अभी भाजपा के 36 सदस्य हैं।

भाजपा को उच्च सदन में बहुमत साबित करने के लिए कम से कम 15 सदस्यों की और जरूरत है। परिषद चुनाव विधानसभा चुनाव के बाद होते तो उस समय सत्तारूढ़ दल के लिए राह आसान होती लेकिन दोनों चुनाव साथ होने से सियासी दलों की परेशानी बढ़ गई है।

जानकार बताते हैं कि पार्टी के नेता इस बात को लेकर आश्वस्त थे कि परिषद चुनाव मई में होंगे। लेकिन अचानक एमएलसी चुनाव की घोषणा से पार्टियां सक्रिय हो गई हैं। स्थानीय निकाय क्षेत्र की 35 सीटों में से अभी सपा के पास 30 सीट है।

इनमें से सपा एमएलसी घनश्याम सिंह लोधी, दिनेश प्रताप सिंह, शैलेंद्र प्रताप सिंह, सीपी चंद, रविशंकर सिंह पप्पू, जसवंत सिंह, रमा निरंजन और नरेंद्र सिंह भाटी भाजपा में शामिल हो चुके हैं।

सूत्रों के मुताबिक सपा से भाजपा में आए इन एमएलसी को इनकी मौजूदा सीट से ही चुनाव लड़ाया जा सकता है। साथ ही हाल के दिनों में सपा, बसपा व कांग्रेस से आए ऐसे नेता जिन्हें विधानसभा चुनाव का टिकट नहीं मिला है उन्हें भी विधान परिषद चुनाव लड़ाया जा सकता है।

परिषद चुनाव के लिए सपा-बसपा के कुछ धनाढ्य नेताओं को भी भाजपा में शामिल कराया जा सकता है। भाजपा कुछ सीटों पर अपने मजबूत कार्यकर्ताओं को भी चुनाव लड़ा सकती है।

Back to top button