इन राज्यों ने दी शैक्षणिक संस्थान खोलने की अनुमति, जारी किए दिशा-निर्देश

Schools Reopen

नई दिल्ली। कोविड -19 के दैनिक मामलों में गिरावट के साथ ही कई राज्यों में स्कूलों और अन्य शैक्षणिक संस्थानों को फिर से खोलने का निर्णय लिया गया है।

हरियाणा, तेलंगाना, गुजरात जैसे राज्यों ने सख्त कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए स्कूलों में शारीरिक कक्षाओं की अनुमति दी है।

जबकि कुछ राज्य कोविड की तीसरी लहर के संभावित खतरे का हवाला देते हुए अभी विचार कर रहे हैं।

हाल ही में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने विद्यालयों को फिर से खोलने पर कहा कि अंतरराष्ट्रीय स्तर परकोरोना की तीसरी लहर दस्तक दे रही है।

ऐसे में जब तक टीकाकरण प्रक्रिया सभी के लिए पूरी नहीं हो जाती, हम बच्चों के जीवन को जोखिम में नहीं डाल सकते हैं।

हालांकि कई राज्यों ने जुलाई के अंत या अगस्त में उच्च कक्षाओं के लिए स्कूलों को फिर से खोलने की घोषणा की है। आइए एक नजर डालते हैं इन राज्यों पर:

पंजाब: 26 जुलाई से खुलेंगे स्कूल

पंजाब सरकार ने कक्षा 10वीं से 12वीं के लिए 26 जुलाई से स्कूलों को फिर से खोलने का आदेश दिया।

मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने कहा कि कक्षा 10वीं से 12वीं के लिए स्कूलों को खोलने की अनुमति दी जाएगी, लेकिन केवल उन शिक्षकों और कर्मचारियों को शारीरिक रूप से उपस्थित होने की अनुमति दी जा रही है जिन्होंने टीके की दोनों खुराक लगवाई हैं।

विद्यालयों में विद्यार्थियों की उपस्थिति पूर्णतः अभिभावकों की सहमति से होगी। इसके साथ ही ऑनलाइन कक्षाओं का विकल्प भी जारी रहेगा।

मप्र: 50 फीसदी क्षमता के साथ 26 जुलाई से खुलेंगे विद्यालय

मप्र में कक्षा 11वीं और 12वीं के स्कूल 26 जुलाई से 50 फीसदी क्षमता के साथ फिर से खुलने जा रहे हैं।

अन्य कक्षाओं के लिए स्कूलों को फिर से खोलने का काम कोरोना की स्थिति की समीक्षा के बाद चरणबद्ध तरीके से किया जाएगा। ग्यारहवीं और बारहवीं के छात्रों को अल्टर्नेटिव दिनों में स्कूल बुलाया जाएगा।

यानी छात्रों को दो भागों में बांट दिया जाएगा, एक भाग को पहले दिन और दूसरे भाग को अगले दिन स्कूल बुलाया जाएगा।

छत्तीसगढ़: 2 अगस्त से खुलने जा रहे हैं शैक्षणिक संस्थान

छत्तीसगढ़ सरकार ने 2 अगस्त से शैक्षणिक संस्थानों को फिर से खोलने का फैसला किया है। 10वीं और 12वीं कक्षा की कक्षाएं 2 अगस्त से शुरू होंगी जबकि कॉलेज चरणबद्ध तरीके से फिर से खुलेंगे।

कैबिनेट ने फैसला किया है कि जिस क्षेत्र में शैक्षणिक संस्थान हैं उस क्षेत्र में शून्य सक्रिय कोरोना संक्रमित होने पर ही संस्थान को खोलने की अनुमति दी जाएगी।

इसके साथ ही क्षेत्र के स्थानीय प्रतिनिधि, गांवों के लिए ग्राम पंचायत और शहरी क्षेत्रों के लिए पार्षद के साथ माता-पिता की अनुमति भी अनिवार्य है।

पश्चिम बंगाल: अभी तक नहीं लिया है कोई भी फैसला

एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार ने निकट भविष्य में किसी भी स्तर पर स्कूल खोलने की योजना नहीं बनाई है, क्योंकि कोविड -19 महामारी की तीसरी लहर का खतरा अब भी बरकरार है।

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