देश के विदेशी मुद्रा भंडार में बढ़ोत्तरी, स्वर्ण भंडार भी बढ़ा
नई दिल्ली। देश का विदेशी मुद्रा भंडार सात मई 2021 को समाप्त सप्ताह में 1.444 अरब डॉलर बढ़कर 589.465 अरब डॉलर हो गया। रिजर्व बैंक द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार 30 अप्रैल 2021 को समाप्त हुए सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 3.913 अरब डॉलर बढ़कर 588.02 अरब था।
गत सात मई 2021 को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार में वृद्धि मुख्य तौर पर विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियां बढ़ने से हुई। विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियां सप्ताह के दौरान 43.4 करोड़ डॉलर बढ़कर 546.493 अरब डॉलर पर पहुंच गईं।
विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियां डॉलर में व्यक्त की जाती हैं। इसमें डॉलर के अलावा यूरो, पाउंड और येन में अंकित संपत्तियां भी शामिल हैं। विदेशी मुद्रा परिसंपत्ति सकल विदेशी मुद्रा भंडार का बड़ा हिस्सा हैं।
आलोच्य सप्ताह के दौरान स्वर्ण भंडार 1.016 अरब डॉलर बढ़कर 36.48 अरब डॉलर हो गया। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) में विशेष निकासी अधिकार (एसडीआर) 40 लाख डॉलर घटकर 1.503 अरब डॉलर रह गया। वहीं, आईएमएफ के पास देश का आरक्षित भंडार 10 लाख डॉलर घटकर 4.989 अरब डॉलर रह गया।
क्या है विदेशी मुद्रा भंडार?
विदेशी मुद्रा भंडार देश के केंद्रीय बैंकों द्वारा रखी गई धनराशि या अन्य परिसंपत्तियां होती हैं, जिनका उपयोग जरूरत पड़ने पर देनदारियों का भुगतान करने में किया जाता है। पर्याप्त विदेशी मुद्रा भंडार एक स्वस्थ अर्थव्यवस्था के लिए काफी महत्वपूर्ण होता है।
विदेशी मुद्रा भंडार के फायदे
- अच्छा विदेशी मुद्रा आरक्षित रखने वाला देश विदेशी व्यापार को आकर्षित करता है। इससे वैश्विक निवेशक देश में और अधिक निवेश के लिए प्रोत्साहित होते हैं।
- सरकार जरूरी सैन्य सामान की तत्काल खरीदी का निर्णय ले सकती है क्योंकि भुगतान के लिए पर्याप्त विदेशी मुद्रा उपलब्ध है।
- विदेशी मुद्रा बाजार में अस्थिरता को कम करने के लिए विदेशी मुद्रा भंडार प्रभावी भूमिका निभा सकता है।