Kargil Vijay Diwas: ‘धरती के स्वर्ग’ से मिट रहा आतंक का खौफ! पीएम मोदी ने शहीदों को दी श्रद्धांजलि

Kargil Vijay Diwas: 26 साल पहले कारगिल की पहाड़ियों पर पाकिस्तानी घुसपैठ से पूरे देश में हड़कंप मच गया था। उस समय पड़ोसी मुल्क की नापाक हरकत का भारतीय सेना ने करारा जवाब दिया। आज देश 25वां कारगिल विजय दिवस मना रहा है. इस मौके पर कारगिल युद्ध स्मारक पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने द्रास में शहीदों को श्रद्धांजलि दी.

उन्होंने 1999 में भारत-पाकिस्तान की जंग में अपने प्राणों की आहुति देने वाले बहादुर जवानों को याद किया. पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि कारगिल में हमने सिर्फ युद्ध नहीं जीता था बल्कि सत्य, संयम और सामर्थ का अद्भुत परिचय दिया था. उन्होंने कहा कि भारत शांति के लिए प्रयास कर रहा था लेकिन पाकिस्तान ने अपना अविश्वासी चेहरा दिखाया था. पाकिस्तान ने अतीत में जितने भी दुष्प्रयास किए, उसे मुंह की खानी पड़ी लेकिन पाकिस्तान ने अपने इतिहास से कुछ नहीं सीखा है.

शहीदों को नमन करता हूं: पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि ‘मेरा सौभाग्य है कि कारगिल युद्ध के समय मैं सामान्य देशवासी के रूप में अपने सैनिकों के बीच था. आज जब मैं फिर कारगिल की धरती पर हूं तो स्वाभाविक है कि वो स्मृतियां मेरे मन में ताजा हो गई हैं. मुझे याद है कि किस तरह हमारी सेनाओं ने इतनी ऊंचाई पर, इतने कठिन युद्ध ऑपरेशन को अंजाम दिया था. देश को विजय दिलाने वाले ऐसे सभी शूरवीरों को आदरपूर्वक प्रणाम करता हूं. मैं उन शहीदों को नमन करता हूं जिन्होंने कारगिल में मातृभूमि की रक्षा के लिए अपना बलिदान दिया.’

अग्निपथ को लेकर पिपक्ष पर साधा निशाना
इतना हीं नहीं सेना की अग्निपथ स्कीम को लेकर उठ रहे सवालों को लेकर उन्होंने विपक्ष पर भी निशाना साधा. सेना में हुए आधुनिक सुधारों को लेकर सेना की तारीफ करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि डिफेंस सेक्टर में रिफॉर्म्स के लिए मैं भारत की आर्म्ड फोर्सेस की सराहना करना चाहता हूं. अग्निपथ योजना का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि हमारी हमारी सेनाओं ने बीते वर्षों में कई साहसिक निर्णय लिए हैं. सेना द्वारा किए जरूरी रिफॉर्म का एक उदाहरण अग्निपथ स्कीम भी है. दशकों तक संसद से लेकर अनेक कमेटियों तक में सेनाओं को युवा बनाने पर चर्चाएं होती रही हैं.

क्या है ‘अग्निपथ’ का लक्ष्य?
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘अग्निपथ का लक्ष्य का सेनाओं को युवा बनाना है,अग्निपथ का लक्ष्य का सेनाओं को युद्ध के लिए निरंतर योग्य बनाए रखना है. दुर्भाग्य से राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े इतने संवेदनशील विषय को कुछ लोगों ने राजनीति का विषय बना दिया है. कुछ लोग सेना के इस रिफॉर्म में भी अपने व्यक्तिगत स्वार्थ में झूठ की राजनीति करते हैं. ये वहीं लोग हैं जिन्होंने सेनाओं में हजारों करोड़ के घोटाले करके हमारी सेनाओं को कमजोर किया. ये वहीं लोग हैं जो चाहते थे कि एयरफोर्स को कभी आधुनिक फायटर जेट ना मिल पाए. ये वहीं लोग हैं जिन्होंने तेजस फाइटर प्लेन को भी डिब्बे में बंद करने की तैयारी कर ली थी.

धरती के स्वर्ग’ से मिट रहा आतंक का खौफ
उन्होंने कहा, ‘कुछ ही दिन बाद इस 5 अगस्त को आर्टिकल 370 का अंत हुए पांच वर्ष पूरे होने जा रहे हैं. जम्मू-कश्मीर आज नए भविष्य की बात कर रहा है, बड़े सपनों की बात कर रहा है. जम्मू-कश्मीर की पहचान जी20 जैसी अहम बैठक करने के लिए हो रही है. इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलेपमेंट के साथ-साथ जम्मू-कश्मीर, लेह लद्दाख में टूरिज्म सेक्टर भी तेजी से ग्रो कर रहा है. दशकों बाद कश्मीर में सिनेमा घर खुला है. साढ़े तीन दशक बाद पहली बार श्रीनगर में ताजिया निकला है.

धरती का हमारा स्वर्ग तेजी से शांति और सौहार्द की दिशा में आगे बढ़ रहा है. आज लद्दाख में भी विकास की नई धारा बनी है. शिंकुला टनल के निर्माण का काम शुरू हुआ है. इसके साथ लद्दाख हर मौसम में देश से कनेक्टेड रहेगा. ये टनल लद्दाख के विकास और बेहतर भविष्य के लिए नई संभवनाओं का नया रास्ता खोलेगी. हम सभी को पता है कि कठोर मौसम की वजह से लद्दाख के लोगों को कितनी मुश्किलें आती हैं. शिंकुला टनल के बनने से ये मुश्किलें कम होंगी.’

डिफेंस प्रोक्योरमेंट में भारत बड़ी हिस्सेदारी
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘आज की वैश्विक परिस्थितियां पहले से अलग हैं. इसलिए हमारी सेनाओं को हथियारों और उपकरणों के साथ-साथ कार्यशैली और व्यवस्थाओं में भी आधुनिक होना चाहिए इसलिए देश दशकों से डिफेंस सेक्टर में बड़े रिफॉर्म्स की जरूरत महसूस कर रहा था. सेना स्वयं वर्षों से इसकी मांग कर रही थी लेकिन दुर्भाग्य से पहले इसे उतना महत्व नहीं दिया गया. बीते 10 वर्षों में हमने डिफेंस रिफॉर्म्स को रक्षा क्षेत्र की पहली प्राथमिकता बनाया है. इन रिफॉर्म्स के कारण आज हमारी सेनाएं ज्यादा सक्षम हुई हैं, आत्मनिर्भर हो रही हैं. आज डिफेंस प्रोक्योरमेंट में बड़ी हिस्सेदारी भारतीय डिफेंस इंडस्ट्री को दी जा रही है.

डिफेंस में रिसर्ज एंड डेवलेपमेंट बजट का भी 25 प्रतिशत प्राइवेट सेक्टर के लिए रिजर्व किया गया है. ऐसे ही प्रयासों का परिणाम है कि भारत का डिफेंस प्रोडक्शन सवा लाख करोड़ रुपये से ज्यादा हो चुका है. कभी भारत की गिनती हथियार मंगाने वाले देश के रूप में थी. अब भारत एक्सपोर्टर के रूप में अपनी पहचान बना रहा

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