
शरद पूर्णिमा आज, बन रहा है दुर्लभ योग; इन उपायों से देवी लक्ष्मी को करें प्रसन्न

आश्विन मास की पूर्णिमा को शरद पूर्णिमा कहा जाता है, चन्द्रमा आज के दिन पृथ्वी के अति निकट होता है और चन्द्रमा के 16 कलाओ की आभा पृथ्वी के प्रत्येक जीव को प्रभावित करता है।
19 अक्टूबर की रात्रि चन्द्रमा पूर्णतः अपनी सम्पूर्ण 16 कलाओ से परिपूर्ण होगा और पूर्णिमा तिथि की उदयमान तिथि 20 अक्टूबर को मान्य है।
रेवती नक्षत्र मे 19 अक्टूबर को चंद्र उदय होगा जो दुर्लभ योग है क्योंकि बुध के नक्षत्र मे यह पूर्णिमा समस्त तरल पदार्थो को प्रभावित करेगा। कुछ विशेष प्रयोग है जो पूर्णिमा मे करने से अत्यंत लाभकारी सिद्ध होता है।
लक्ष्मी पूजन और लक्ष्मी प्राप्ति
रात्रि समय मे गाय का घी चन्द्रमा की रौशनी मे रखे उसके उपरांत घी को सुरक्षित रखे और दीपावली पर इस घी का दीपक प्रज्जवलित करे।
माँ लक्ष्मी की अनंत कृपा प्राप्त होती है और घर मे ख़ुशी का वातावरण बनता है, जो बच्चे शारीरिक तोर पर दुर्बल हो उनको इस घी का मालिश किया जाए, स्वास्थ्य मे लाभ होगा।
बच्चों के अच्छे स्वास्थ्य के लिए
पूर्णिमा की रात्रि मे शहद को चन्द्रमा की रौशनी मे रखे उसके उपरान्त यह शहद औषधि के रूप मे कार्य करेगा, जो बच्चे मंदबुद्धि हो या जिनकी स्मरण शक्ति अच्छी ना हो पढ़ने मे कमजोर हो या जल्दी थक जाते है उनको इस शहद का सेवन करना चाहिए।
अच्छे स्वास्थ्य और बीमारी से मुक्ति
जो लोग किसी बीमारी से ग्रासित हो या घर मे बीमारी का माहौल बना हुआ हो वो लोग सफ़ेद कपड़ा पर चावल रख दे कुछ देर चन्द्रमा की रौशनी मे रखने के बाद उसको अगली सुबह किसी मंदिर मे दान कर दे। स्वास्थ्य मे सुधार होगा।
पितृदोष या कालसर्प दोष की शांति
गाय के दूध को एक पात्र मे चन्द्रमा की रौशनी मे रखे और उसको पुरे घर मे छिड़क दे इससे घर की नकारात्मक शक्तियां या जिनके कुंडली मे पितृदोष या कालसर्प दोष हो वह शांत होता है।
जीवन की बाधा दूर करने के लिए
चन्द्रमा की रौशनी मे गंगा जल रखे और उस गंगा जल से भगवान शिव का अभिषेक करे इससे आपके जीवन मे आने वाले समस्त परेशानिओ से मुक्ति मिलता है।
दूध का खीर
खीर बना कर रात्रि समय मे चन्द्रमा की रौशनी मे रखे और उसके बाद खीर का सेवन करना चाहिए इससे अच्छा स्वास्थ्य, और लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है।