उप्र: सरकारी नौकरी में भर्ती की उम्र में बदलाव की सिफारिश, अवसर भी सीमित करने की योजना

लखनऊ। उप्र की सरकारी सेवाओं में भर्ती की अधिकतम उम्र में एक बार फिर बदलाव किये जाने की संभावना है। यह 40 से घटाकर 30 वर्ष की जा सकती है। साथ ही एक बार सरकारी सेवा में आने के बाद दूसरी सरकारी सेवा के लिए आवेदन के अवसर की सीमा भी सीमित करने की योजना है।

प्रदेश में विभागीय कर्मियों की संख्या का युक्तिकरण, प्रभावशीलता व दक्षता में सुधार तथा उनके आकलन की व्यवस्था पर सुझाव देने के लिए गठित समिति ने इस संबंध में कई महत्वपूर्ण संस्तुतियां की हैं।

इस पर विभागों से राय मांगी गई है। समिति ने सरकारी सेवाओं में वर्तमान में नियुक्ति के लिए निर्धारित अधिकतम आयु सीमा सामान्य वर्ग के लिए 40 से घटाकर 30 और आरक्षित वर्ग के लिए 35 वर्ष किए जाने की सिफारिश की है।

वर्तमान में आरक्षित वर्ग के लिए यह सीमा 45 वर्ष है। पूर्ववर्ती अखिलेश यादव सरकार ने भी इस अधिकतम आयु सीमा में बदलाव किया था।

सपा शासनकाल में छह जून, 2012 को अधिकतम आयु सीमा 40 वर्ष कर दी गई थी। इससे पहले यह 35 वर्ष हुआ करती थी। 35 वर्ष की अधिकतम आयु सीमा पहले 32 वर्ष थी।

दूसरी नौकरी के लिए केवल दो मौके

सरकारी सेवा में भर्ती के बाद कार्मिक को अन्य सेवाओं की परीक्षा में शामिल होने के लिए अधिकतम 2 अवसर देने का सुझाव दिया गया है।

इसी तरह सेवा में चयन होने के बाद यदि कोई अभ्यर्थी अन्य परीक्षा में शामिल होने के लिए आवेदन करता है तो उसे पहली बार कार्यभार ग्रहण करने के लिए एक वर्ष का वेतन रहित अवकाश स्वीकृत करने की व्यवस्था करने की संस्तुति की गई है।

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