‘ना’पाक इरादों को झटका, तालिबान ने कहा- कश्मीर मामले में हस्तक्षेप नहीं करेंगे

taliban again in afghanistan

काबुल। अफगानिस्तान से अमेरिकी और नाटो सैनिकों की करीब 20 साल बाद पूरी तरह से वापसी हो गई है और एक बार फिर अफगानिस्तान पर तालिबान का पूरा कब्जा हो गया है। मध्य एशिया में इसका असर पड़ना तय है।

इस बीच तालिबान ने पाकिस्तान की नापाक उम्मीदों को बड़ा झटका दिया है और स्पष्ट किया कि वह कश्मीर में दखल नहीं देगा। साथ ही उसने पाकिस्तान के साथ अपने संबंधों को भी स्पष्ट किया है।

सीएनएन-न्यूज18 के साथ बातचीत में हक्कानी नेटवर्क के संस्थापक जलालुद्दीन हक्कानी के सबसे छोटे बेटे तालिबानी नेता अनस हक्कानी ने कहा कि हम कश्मीर के मामले में हस्तक्षेप नहीं करेंगे।

जब अनस हक्कानी से सवाल किया गया- पाकिस्तान हक्कानी नेटवर्क के बेहद करीब है और वह कश्मीर में लगातार दखल दे रहा है। क्या आप भी पाकिस्तान को समर्थन देने के लिए कश्मीर में दखल देंगे?

इस पर उन्होंने कहा कि कश्मीर हमारे अधिकार क्षेत्र का हिस्सा नहीं है और हम हस्तक्षेप नीति के खिलाफ है। हम अपनी नीति के खिलाफ कैसे जा सकते हैं? इसलिए यह स्पष्ट है कि हम कश्मीर में हस्तक्षेप नहीं करेंगे।

क्या हक्कानी नेटवर्क, जैश और लश्कर को कश्मीर मसले पर समर्थन नहीं देगा, इस पर अनस हक्कानी ने कहा कि हम इस पर कई बार स्पष्ट कर चुके हैं और फिर से कह रहे हैं कि यह महज एक प्रोपेगेंडा है।

भारत के साथ संबंधों पर उन्होंने कहा कि हम भारत के साथ अच्छे संबंध चाहते हैं। हम नहीं चाहते कि कोई हमारे बारे में गलत सोचे। भारत ने 20 सालों तक हमारे दुश्मन की मदद की, मगर हम सब कुछ भूलकर रिश्ते को आगे बढ़ाने के लिए तैयार हैं।

इस सवाल पर कि हक्कानी नेटवर्क पाकिस्तानी आईएसआई और पाक सेना के साथ करीबी से जुड़ा हुआ है। अब आप अफगानिस्तान सरकार का हिस्सा हैं। आपका उनसे क्या जुड़ाव होगा?

अनस ने कहा कि हमने बीस साल तक संघर्ष किया। हमारे बारे में बहुत सारे नकारात्मक प्रोपेगेंडा हैं और यह सब गलत है। हक्कानी नेटवर्क कुछ भी नहीं है। हम सबके लिए काम कर रहे हैं। दुनिया भर में और विशेष रूप से भारत में मीडिया हमारे बारे में नकारात्मक प्रचार कर रहा है।

अनस ने कहा इससे माहौल खराब हो रहा है। युद्ध में कभी भी किसी पाकिस्तानी हथियार का इस्तेमाल नहीं किया गया था। ये आरोप गलत और निराधार हैं।

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