बंगाल चुनाव: स्वपन दासगुप्ता की उम्मीदवारी बनी बीजेपी की सरदर्दी, कांग्रेस- टीएमसी ने किया विरोध

कोलकाता। रविवार को पश्चिम बंगाल चुनावों के लिए बीजेपी की 26 उम्मीदवारों की जारी सूची में राज्यसभा के नामित सदस्य स्वपन दासगुप्ता का भी नाम शामिल था, जिन्हें तारकेश्वर विधानसभा सीट से उम्मीदवार बनाया है।
अब यह नाम बीजेपी की लिए सरदर्दी बन सकता है क्योंकि टीएमसी और कांग्रेस दोनों ही स्वपन दासगुप्ता की उम्मीदवारी के विरोध में आ गए हैं। टीएमसी और कांग्रेस ने दासगुप्ता की राज्यसभा सदस्यता को खत्म करने की मांग की है। टीएमसी इस मुद्दे को राज्यसभा में उठाने की योजना बना रही है।
इस संबंध में राज्यसभा में सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने सभापति वेंकैया नायडू ने स्पष्टीकरण मांगा है। सभापति को लिखी चिट्ठी में कांग्रेस के चीफ व्हिप जयराम रमेश ने यह बताया कि दासगुप्ता ने चुनाव लड़ने से पहले न तो सदन से इस्तीफा दिया है और न ही उन्होंने कोई और पार्टी जॉइन की है।
इससे पहले तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा ने भी आरोप लगाया था कि दासगुप्ता ने भारतीय संविधान की 10वीं अनुसूची के प्रावधानों का उल्लंघन किया है।
महुआ मोइत्रा ने कहा था कि स्वपन दासगुप्ता पश्चिम बंगाल चुनावों के लिए बीजेपी के उम्मीदवार हैं, जबकि संविधान की 10वीं अनुसूची कहती है कि अगर कोई राज्यसभा का मनोनीत सांसद शपथ लेने और उसके 6 महीने के अंदर किसी भी राजनीतिक पार्टी में शामिल होता है उसे राज्यसभा की सदस्यता के लिए अयोग्य करार दे दिया जाएगा।
दासगुप्ता को साल 2016 में शपथ दिलाई गई थी, जो अभी जारी है। अब उन्हें बीजेपी में शामिल होने के लिए अयोग्य करार देना चाहिए।
बंगाल में 6 अप्रैल को होने वाले तीसरे चरण के मतदान के लिए रविवार को बीजेपी ने 26 उम्मीदवारों के नामों का ऐलान किया था जिसमें स्वपन दासगुप्ता का नाम भी था।
