बढ़ी धनंजय सिंह की मुश्किलें, अजीत सिंह हत्याकाण्ड की जाँच STF के हवाले
लखनऊ। एक साल पहले लखनऊ के विभूतिखंड में हुये अजीत सिंह हत्याकाण्ड मामले में साजिश रचने के आरोपी पूर्व सांसद धनंजय सिंह की मुश्किलें बढ़ गई है।
दरअसल इस हत्याकाण्ड की जांच अब एसटीएफ को सौंप दी गई है। यह कार्रवाई एडीजी कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार के आदेश पर की गई है।
पिछले साल अगस्त में इस हत्याकाण्ड की विवेचना विभूतिखंड कोतवाली से गाजीपुर पुलिस को स्थानान्तरित कर दी गई थी।
गौरतलब है कि मऊ के हिस्ट्रीशीटर अजीत सिंह की हत्या छह जनवरी, 2021 को लखनऊ के गोमतीनगर इलाके में कठौता चौराहे के पास उस समय कर दी गई थी जब वह अपने साथी मोहर सिंह के साथ जा रहे थे।
उन पर कई राउण्ड फायरिंग की गई थी। इसमें मोहर व राहगीर आकाश भी घायल हुये थे। मोहर ने एफआईआर करायी थी कि यह हत्या जेल में बंद अखण्ड सिंह व कुंटू सिंह ने सुपारी देकर करायी है।
शूटरों में गिरधारी विश्वकर्मा उर्फ डॉक्टर भी था। इसमें संदीप सिंह बाबा, अंकुर सिंह, मुस्तफा, प्रिंस, बंधन, रेहान सिंह और रेहान गिरफ्तार किये गये।
गिरफ्तारी के बाद रिमाण्ड अवधि में पुलिस अभिरक्षा से भागते समय शूटर गिरधारी मुठभेड़ में मारा गया था। पुलिस ने जेल में बंद सभी आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दी थी।
पुलिस ने विवेचना में धनंजय सिंह को भी साजिश रचने का आरोपी बनाया। इसके बाद ही धनंजय सिंह पर 25 हजार रुपये इनाम भी घोषित हुआ था।
अगस्त में विवेचना गाजीपुर पुलिस को मिली थी
पिछले साल अगस्त में इस हत्याकाण्ड की विवेचना गाजीपुर थाने को स्थानान्तिरत कर दी गई। तब से गाजीपुर थाने में तीन विवेचक बदल चुके हैं।
इस मामले में धनंजय सिंह की गिरफ्तारी न होने और उनके खुलेआम घूमने को लेकर सोशल मीडिया पर कई तरह की चर्चायें हो रही थी।