उप्र: E-PoP मशीन से गेहूं खरीद रही है योगी सरकार, भुगतान सीधे एकाउंट में
लखनऊ। कोरोना महामारी के बीच उप्र की योगी सरकार ने गेहूं खरीद व किसानों को भुगतान में नया रिकॉर्ड कायम किया है। सरकार ने पिछले साल की अपेक्षा इस साल किसानों से दोगुना गेहूं खरीदा है।
E-PoP मशीनों से दाने-दाने का भुगतान
गेहूं खरीद में लगे किसानों को सरकार ने एक और बड़ा तोहफा दिया है। प्रदेश ने किसानों के साथ अनाज खरीद में धांधली और गड़बड़ी की गुंजाइश बिलकुल समाप्त कर दी है।
सरकार की ओर से मंडियों में किसान इलेक्ट्रॉनिक प्वाइंट ऑफ परचेज (E-PoP) डिवाइस का इस्तेमाल किया जा रहा है, ताकि किसानों को उनके दाने-दाने का भुगतान किया जा सके।
इस डिवाइस के माध्यम से किसानों को गेहूं के एक-एक दाने की कीमत पूरी पारदर्शिता और निष्पक्षता के साथ मिलेगी।
ई-पॉप मशीन से खरीद करने पर किसानों को कुल तौल की गई गेहूं की मात्रा व गेहूं के मूल्य की प्रिंटेड रसीद तत्काल मिल जाएगी। E-PoP मशीनों के जरिए खरीद से मंडियो से बिचौलियों भी गायब हो गए हैं। इससे किसानों को उनकी मेहनत का पूरा फायदा मिल रहा है।
सरकार ने करीब 4.5 लाख किसानों से 22 लाख 83 हजार मीट्रिक टन से अधिक गेहूं खरीद की है। यही नहीं, कोरोना काल में किसानों के भुगतान में भी सरकार ने रिकॉर्ड बना दिया है। सरकार किसानों को उनके अनाज की कीमत महज 72 घंटों में एकाउंट में ट्रांसफर कर रही है।
अनाज खरीदने के लिए प्रदेश में बने 5617 केंद्र
प्रदेश की योगी सरकार ने किसानों से अनाज खरीदने के लिए यूपी में 5617 केन्द्र बनाए हैं। इसमें सबसे अधिक 3254 केन्द्र यूपी सहकारी संघ के हैं, जहां से अनाज की खरीद की जा रही है। प्रदेश में अब तक 448789 किसानों से 2283643.67 मीट्रिक टन अनाज की खरीद की जा चुकी है।
किसानों को 3090.07 करोड़ रुपए का भुगतान किया जा चुका है। इसके अलावा सरकार 72 घंटे के भीतर किसानों को उनके अनाज का भुगतान कर रही है। पिछले साल किसानों से 12.75 लाख मीट्रिक टन अनाज की खरीद की गई थी।
किसानों को 10 किलोमीटर के दायरे में अनाज बेचने की सुविधा
किसानों के लिए ई मंडियों की शुरूआत की गई ताकि उनको मंडी के चक्कर न लगाना पड़े। इसके अलावा किसानों को खेत से 10 किलोमीटर के दायरे में अनाज बेचने की सुविधा उपलब्ध कराई गई।
प्रदेश सरकार ने देश में पहली बार कृषक उत्पादक संगठनों को शामिल कर किसानों को तोहफा दिया। प्रदेश के 115 से अधिक गेहूं केंद्रों पर एफपीओ खरीद प्रक्रिया का हिस्सा बन गए हैं। जिससे किसानों को उनके खेत के 10 किमी के दायरे में गेहूं बेचने की सुविधा मिली।