The Kashmir Files: केरल कांग्रेस के ट्वीट पर भड़के लोग, पूछे ऐसे सवाल

The Kashmir Files movie

नई दिल्‍ली। फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ में दिखाए गए कश्‍मीर पंडितों पर हुए जुल्मों को लेकर पूरे देश में रोष का माहौल है। अब यह मामला सियासी तूल पकड़ता जा रहा है। फिल्‍म में अनुच्‍छेद 370 का और कांग्रेस का जिक्र होने से इसका सियासी फलक बड़ा हो गया है।

फिल्म को लेकर सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई है। ‘द कश्मीर फाइल्स’ को बाक्‍स आफिस पर शानदार रिस्पान्स मिल रहा है। सोशल मीडिया से लेकर तमाम प्लेटफार्म्स पर इसकी खूब चर्चा हो रही है। अब इसको लेकर कांग्रेस और भाजपा में आरोप-प्रत्‍यारोप का दौर शुरू हो गया है।

दरअसल, मामला तब शुरू हुआ जब केरल कांग्रेस ने कश्मीरी पंडितों के जम्मू-कश्मीर से पलायन को लेकर कई ट्वीट किए। कांग्रेस ने कश्मीरी पंडित मामले को लेकर कुछ तथ्‍य रखे हैं। कांग्रेस ने इसके जरिए भाजपा पर निशाना साधा है।

हालांकि, सोशल मीडिया पर कांग्रेस की यह चाल तब उल्टी पड़ गई, जब टि्वटर यूजर्स ने कांग्रेस की ओर से दिए जा रहे तथ्‍यों पर सवाल खड़े करने शुरू कर दिए।

भाजपा पर हमला करते हुए केरल कांग्रेस ने कहा कि कश्मीरी पंडितों ने घाटी को सामूहिक रूप से छोड़ दिया और उस समय वहां के राज्यपाल जगमोहन थे जो आरएसएस से जुड़े थे। पलायन भाजपा समर्थित वीपी सिंह सरकार के तहत शुरू हुआ।

ट्वीट में कहा गया कि भाजपा समर्थित वीपी सिंह सरकार दिसंबर 1989 में सत्ता में आई। पंडितों का पलायन अगले महीने जनवरी 1990 में शुरू हुआ। भाजपा ने कुछ नहीं किया और नवंबर 1990 तक वीपी सिंह का समर्थन करना जारी रखा।

केरल कांग्रेस ने कश्मीरी पंडित मुद्दे को लेकर जो तथ्‍य रखे हैं, उसे लेकर सोशल मीडिया पर बहस छिड़ी हुई है। कांग्रेस ने ट्वीट में लिखा कि वह आतंकवादी थे, जिन्होंने कश्मीरी पंडितों को निशाना बनाया।

वर्ष 1990 से लेकर 2007 के बीच के 17 वर्षों में आतंकी हमलों में 399 कश्‍मीरी पंडितों की हत्या की गई। इसी अवधि के दौरान आतंकवादियों ने 15 हजार मुसलमानों की भी हत्या कर दी।

यूजर्स ने दिए जवाब

कांग्रेस के ट्वीट पर जवाब देते हुए कई ट्विटर यूजर्स ने उससे तीखे सवाल दागे हैं। पल्लवी सीटी नाम के यूजर ने लिखा है कि आप ऐसा व्‍यवहार कर रहे हैं जैसे कश्मीर 1990 के पहले जन्नत था।

क्या आप इससे इन्‍कार कर सकते हैं कि गवर्नर जगमोहन साल 1988 की शुरुआत से ही राजीव गांधी की सरकार को कश्मीर में आतंकवादियों के जुटने की चेतावनी देने लगे थे।

विजय ने बताया कि जगमोहन ने केंद्र सरकार को लिखा था कि आपके और आपके आस-पास के लोगों के पास इन संकेतों को देखने के लिए न तो समय था, न दिलचस्पी और न ही दृष्टि। उन्होंने आगे लिखा है कि जगमोहन इतने ज्यादा स्पष्टवादी थे कि उनकी उपेक्षा करना ऐतिहासिक दृष्टि से अपराध जैसा था।

सुमित भसीन ने पूर्व प्रधानमंत्री डा मनमोहन सिंह के साथ यासीन मलिक की एक तस्वीर साझा करते हुए लिखा कि कांग्रेस इस पर कोई स्पष्टीकरण दें।

कुमार 4018 नाम के एक यूजर ने लिखा कि इस तरह की चीजें एक दिन में नहीं होतीं। राजीव गांधी दिसंबर 1989 के मध्य तक प्रधानमंत्री थे। कश्मीर दंगे 1986 में शुरू हुए थे, तब राजीव गांधी की सरकार थी।

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