खाद्य तेल हो सकते हैं महंगे, सरसों दादरी तेल में तेजी; रिकॉर्ड ऊंचाई पर सूरजमुखी तेल का भाव
नई दिल्ली। शादी-विवाह के सीजन और त्योहारी मांग बढ़ने के साथ-साथ खाद्य तेलों का स्टॉक खाली होने से बीते सप्ताह दिल्ली तेल-तिलहन बाजार में विभिन्न खाद्य तेल-तिलहन कीमतों में सुधार का रुख रहा और कीमतों में पर्याप्त सुधार आया।
सूरजमुखी तेल का भाव देश में 205 रुपये किलो की रिकॉर्ड ऊंचाई पर जा पहुंचा है तो सरसों दादरी तेल में 900 रुपये प्रति क्विंटल की तेजी दिखी।
सरसों और देशी तेलों की मांग बढ़ी
बाजार के जानकार सूत्रों ने बताया कि सोयाबीन उत्पादक देश अर्जेन्टीना में गर्मी की वजह से लगभग 2,000 हेक्टेयर में लगी फसल झुलस गई, जबकि दूसरे उत्पादक देश ब्राजील में अधिक बरसात की वजह से सोयाबीन उत्पादन में पर्याप्त गिरावट आ सकती है।
विदेशी आयातित तेलों के महंगा होने की वजह से सरसों और देशी तेलों की मांग बढ़ी है। हालत यह है कि राजस्थान में लगभग 30 साल से बंद पड़ी सरसों मिलों को दोबारा काम मिलना शुरू हो गया है।
खाद्य तेल कीमतों की वैश्विक तेजी
बाजार सूत्रों का मानना है कि खाद्य तेल कीमतों की वैश्विक तेजी से जहां तेल-तिलहनों की घरेलू कीमतों में भी सुधार हुआ है, वहीं इसकी वजह से देश में आगे तिलहन उत्पादन के बढ़ने की भी संभावना है।
मौजूदा साल में सरसों और सोयाबीन के लिए जिस तरह किसानों को बढ़ा हुआ न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) मिला, वह आगे जारी रहा तो किसान गेहूं और धान की जगह तिलहनों की बुवाई का रकबा बढ़ा सकते हैं।
इससे न केवल खाद्य तेलों के आयात पर करोड़ों रुपये की विदेशी मुद्रा बचेगी, बल्कि अधिशेष उत्पादन के निर्यात होने से हमें विदेशी मुद्रा प्राप्त होगी।