महाकुंभ में पहुंचे ये अनोखे बाबा… सिर पर धारण किया 11000 रुद्राक्ष की माला
Mahakumbh 2025: साल 2025 में उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में महाकुंभ मेले का भव्य आयोजन हो रहा है, जिसे शुरू होने में अब कुछ ही दिन शेष बचा है. महाकुंभ 2025 में संतों और महात्माओं की अनूठी तपस्या और उनकी कहानियां श्रद्धालुओं के लिए खास आकर्षण बनी हुई हैं.
इस बीच, रुद्राक्ष बाबा के वीडियो इंटरनेट पर छाए हुए हैं। उनकी अनोखी अपील ने बड़ी संख्या में भक्तों और सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स को आकर्षित किया है। वह महाकुंभ 2025 में आए साधुओं में से एक हैं, जो अपने 11,000 रुद्राक्षों के लिए प्रसिद्ध हैं।
वायरल हो रहें रुद्राक्ष बाबा
इस बार महाकुंभ मेले में एक विशेष आकर्षण बन चुके हैं ‘रुद्राक्ष बाबा’. उनके वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहे हैं. रुद्राक्ष बाबा (Rudraksh Baba) 108 रुद्राक्ष मालाएं धारण करते हैं जिनमें कुल 11,000 रुद्राक्ष शामिल हैं. इन 11,000 रुद्राक्षों का वजन 30 किलोग्राम से भी अधिक है. इस वजह से अब लोग इन्हें रुद्राक्ष बाबा कहकर बुला रहे हैं.
मीडिया में दिए एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया कि लोग मुझे रुद्राक्ष बाबा के नाम से जानते हैं. ये 11,000 रुद्राक्ष भगवान शिव के रुद्र हैं. मैं इन्हें बहुत लंबे समय से पहन रहा हूं. ये रुद्र मेरे भक्तों द्वारा मुझे भेंट किए गए हैं. हर साधु-संत इन रुद्रों को पहनते हैं. उन्होंने महाकुंभ मेले (Maha Kumbh Mela) की व्यवस्थाओं पर भी बात की और कहा कि इस बार की व्यवस्थाएं पिछली बार से बेहतर हैं. “मैं बहुत खुश हूं कि मैं यहां महाकुंभ के लिए आया हूं. व्यवस्थाएं पहले से बेहतर हुई हैं.”
महाकुंभ में पहुंचे ये अनोखे बाबा!
महाकुंभ 2025 में पहुंचे अनोखे बाबा न केवल श्रद्धालुओं बल्कि सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स का भी ध्यान आकर्षित कर रहे हैं. इन बाबाओं की तपस्या और अद्भुत जीवनशैली महाकुंभ के दिव्य वातावरण को और भी विशेष बना रही है.
दिगंबर नागा बाबा, पांच वर्षों से उठा हुआ हाथ
राजस्थान से आए दिगंबर नागा बाबा (Digambar Naga Baba) अपनी अनूठी तपस्या के लिए प्रसिद्ध हैं. वे पिछले पांच वर्षों से अपने दाहिने हाथ को ऊपर उठाए हुए हैं. उन्होंने बताया कि यह तपस्या सनातन धर्म की रक्षा और देश के भविष्य की सुरक्षा के लिए की जा रही है. बाबा का मानना है कि सनातन धर्म शाश्वत है, जिसका न कोई आरंभ है और न कोई अंत.
खडेश्वर नागा बाबा, 12 वर्षों तक खड़े रहने की तपस्या
गुजरात से प्रयागराज पहुंचे खडेश्वर नागा बाबा (Khadeshwar Naga Baba) भी अपनी तपस्या से श्रद्धालुओं को प्रेरित कर रहे हैं. उन्होंने 12 वर्षों तक लगातार खड़े रहने का तप किया है. बाबा ने मीडिया से कहा, “मैंने पहले 12 साल तक खड़े रहकर तप किया. कुछ समय आराम किया और अब फिर से इस तपस्या को शुरू किया है. जब तक सांसें चलेंगी, मैं खड़ा रहूंगा.” उनकी तपस्या जनकल्याण के लिए समर्पित है.
छोटू बाबा और अन्य रहस्यमयी साधु
महाकुंभ मेला हर बार कुछ रहस्यमयी साधु संतों से भरपूर होता है। इस बार छोटू बाबा भी यहां आए हैं, जिन्होंने पिछले 32 वर्षों से स्नान नहीं किया है। उनका मानना है कि बिना स्नान के भी भक्ति की जा सकती है और इसका उद्देश्य केवल आत्मा की शुद्धि है। इसके अलावा एक अन्य संत 20 किलो की चाबी लेकर आए हैं, जो उनके साथ हर समय रहती है। उनकी भक्ति और साधना को देखना सचमुच अद्भुत है।
ई रिक्शा बाबा की यात्रा
महाकुंभ में ई रिक्शा बाबा भी शामिल हुए हैं, जिन्होंने महाकुंभ मेला में भाग लेने के लिए दिल्ली से प्रयागराज तक की यात्रा की। यह यात्रा उन्होंने ई रिक्शा के जरिए की, जो इस बात का प्रतीक है कि साधना और भक्ति किसी साधन से परे होती है।
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