तबाही के बाद भी थम नहीं रहा भूकंप के झटके, 24 घंटों में 20 बार कांपी धरती
Earthquake के कारण कम से कम 126 लोगों की मौत हो गई है. वहीं 180 से ज्यादा लोग घायल हैं. Nepal के साथ-साथ भूटान और भारत के कुछ हिस्सों में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए.
Earthquake in Tibet: तिब्बत के सबसे पवित्र शहरों में से एक के निकट मंगलवार को 6.8 तीव्रता का भूकंप आया, जिसमें कम से कम 126 लोगों की मौत हो गई और 188 अन्य घायल हो गए. रिपोर्ट्स के मुताबिक सिर्फ 9 घंटों में छोटे-बड़े कुल 100 से अिक भूकंप के झटके महसूस किए गए. तिब्बत के साथ ही पड़ोसी देश नेपाल में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए जिसके कारण इमारतें हिलने लगीं और लोग अपने अपने घरों से बाहर निकल आए.
तिब्बत में भूकंप से 126 लोगों की मौत
तिब्बत के शिगात्से में आए भूकंप से मरने वालों की संख्या बढ़कर 125 के पार हो गई है. इस हादसे में घायलों का आकड़ा 188 पहुंच गया है. भूकंप प्रभावित इलाके में बचाव कार्य जारी है. हालांकि कड़ाके की ठंड में बचाव कार्य में परेशानी जरूर हो रही है. जानकारी के अनुसार, नेपाल की सीमा से सटे तिब्बत के पहाड़ी क्षेत्र शिजांग में मंगलवार सुबह एक घंटे के अंदर 7.1 तीव्रता के शक्तिशाली भूकंप समेत छह सिलसिलेवार भूकंप आये, जिसमें 95 लोगों की मौत हो गयी थी.
आज बुधवार की सुबह तक मरने वालों की संख्या बढ़कर 126 हो गयी है. वहीं 130 घायलों का आकड़ा बुधवार की सुबह तक 188 पहुंच गया हैं. तिब्बत में आये इस भूकंप के झटके नेपाल से लेकर बिहार और पश्चिम बंगाल समेत उत्तर भारत के विभिन्न हिस्सों में महसूस किये गये. बांग्लादेश और भूटान के कई इलाकों में भी भूकंप के झटके लगे. भूकंप 10 किलोमीटर की गहराई पर आया जिसका केंद्र उत्तर-पूर्व नेपाल के खुम्बू हिमालय पर्वतमाला में लोबुत्से के 90 किलोमीटर उत्तर- पूर्व में था.
शिगाजे को शिगास्ते के नाम से भी जाना जाता है, जो भारत की सीमा के करीब है. यह पंचेन लामा की पारंपरिक सीट है, जो तिब्बती बौद्ध धर्म के एक प्रमुख व्यक्ति हैं. तिब्बत में पंचेन लामा, आध्यात्मिक गुरु दलाई लामा के बाद दूसरे नंबर की हैसियत रखते हैं. भूकंप के केंद्र के पास कई इमारतें भी ढह गयीं. काठमांडू में भूकंप से घबराये लोग अपने अपने घरों से बाहर निकल आये. लोगों ने कुछ समय तक सड़कों के किनारे लगे पेड़ों और बिजली के तारों को हिलते हुए देखा.