आज Aditya – L1 करेगा ‘सूर्य नमस्कार’, 127 दिनों के लंबे सफर के बाद ISRO रचेगा इतिहास

देश के पहले सोलर मिशन आदित्य एल1 को इसरो ने बीते साल 2 सितंबर को लॉन्च किया गया था. 127 दिनों के लंबे सफर के बाद आज आदित्य एल-1 अपनी कक्षा में प्रवेश करेगा. इसमें लगे 7 पेलोड सूरज से निकलने वाली किरणों का अध्ययन करेंगे.

Aditya L1: इसरो आज अंतरिक्ष के क्षेत्र में इतिहास रचने वाला है. चंद्रयान-3 की सफलता के बाद से ही भारतीय स्पेस एजेंसी यानी इसरो लगातार एक के बाद एक मिशन को अंजाम दे रही है। सूरज का अध्ययन करने के लिए भेजा गया भारत का पहला सौर मिशन आदित्य-एल 1 स्पेसक्राफ्ट आज शाम करीब 4 बजे अपनी कक्षा में प्रवेश करेगा. लैगरेंज यानी एल-1 पॉइंट पर पहुंचकर ये अगले पांच साल तक सूरज की गतिविधियों पर नजर बनाए रखेगा और उससे जुड़ी जानकारियां इसरो को भेजेगा. करीब 15 लाख किमी का सफर तय कर आदित्य एल-1 आज हेलो प्वाइंट पर पहुंचेगा. यह दूरी पृथ्वी और सूर्य के बीच की दूरी का सिर्फ 1 फीसदी है. भारत ने इस मिशन पर करीब 400 करोड़ रुपये खर्च किए हैं.

इसरो प्रमुख एस सोमनाथ ने सोमवार को मीडिया रिपोर्ट में बताया था, “आदित्य-एल1 6 जनवरी को शाम 4 बजे अपने एल1 प्वाइंट पर पहुंचने वाला है और हम इसे वहां बनाए रखने के लिए अंतिम युद्धाभ्यास करने जा रहे हैं.” अपने आखिरी पड़ाव पर पहुंचने के बाद अंतरिक्ष यान बिना किसी ग्रहण के सूर्य को देख सकेगा.

2 सितंबर से ही सफर में है आदित्य एल-1
इसरो के ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पीएसएलवी-सी57) ने दो सितंबर को श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (एसडीएससी) के दूसरे प्रक्षेपण केंद्र से आदित्य-एल1 को सफलतापूर्वक प्रक्षेपित किया था. उन्होंने बताया कि अंतरिक्ष यान विभिन्न चरणों से होकर गुजरा और पृथ्वी के प्रभाव क्षेत्र से बचकर, सूर्य-पृथ्वी ‘लैग्रेंज प्वाइंट 1’ (एल 1) की ओर बढ़ गया. ‘आदित्य एल1’ को सूर्य परिमंडल के दूरस्थ अवलोकन और पृथ्वी से लगभग 15 लाख किलोमीटर दूर ‘एल1’ (सूर्य-पृथ्वी लैग्रेंजियन बिंदु) पर सौर हवा का वास्तविक अवलोकन करने के लिए डिजाइन किया गया है.

क्या है लैंग्रेज प्वाइंट
इसरो के मुताबिक, अंतरिक्ष यान आदित्य एल-1 पृथ्वी से लगभग 15 लाख किलोमीटर दूर सूर्य-पृथ्वी प्रणाली के ‘लैग्रेंज प्वाइंट 1 (एल 1) के आसपास एक ‘हेलो’ कक्षा में पहुंचेगा. ‘एल1 प्वाइंट’ पृथ्वी और सूर्य के बीच की कुल दूरी का लगभग एक प्रतिशत है. ‘लैग्रेंज प्वाइंट’ वह क्षेत्र है जहां पृथ्वी और सूर्य के बीच गुरुत्वाकर्षण निष्क्रिय हो जाएगा. ‘हेलो’ कक्षा, एल 1 , एल 2 या एल 3 ‘लैग्रेंज प्वाइंट’ में से एक के पास एक आवधिक, त्रि-आयामी कक्षा है.

आदित्य एल1 करेगा सूर्य की अवलोकन
आदित्य एल1 मिशन का लक्ष्य एल1 के पास की कक्षा से सूर्य का अध्ययन करना है. यह मिशन सात पेलोड लेकर जा रहा है जो अलग-अलग वेव बैंड में फोटोस्फेयर (प्रकाशमंडल), क्रोमोस्फेयर (सूर्य की दिखाई देने वाली सतह से ठीक ऊपरी सतह) और सूर्य की सबसे बाहरी परत (कोरोना) पर रिसर्च करने में सूर्य की मदद करेंगे.

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