फ्रांस से उठी आवाज़- बलूचों को मारना बंद करे पाकिस्तान
पेरिस। बलूचों के खिलाफ पाकिस्तान में चलाए जा रहे दमन चक्र को लेकर आज सोमवार को फ्रांस की राजधानी पेरिस में वहां बसे बलूचों ने विरोध प्रदर्शन किया। इन लोगों का कहना था कि पाकिस्तान सरकार बलूचों को मारना बंद करे।
इनका आरोप था कि पाकिस्तान सरकार बलूचों की आवाज को दबाने के लिए उन्हें अगवा कर रही है और उन्हें मार रही है। उन्हें झूठे मामलों में फंसा कर फांसी पर लटका रही है।
बलूच शहीद दिवस के मौके पर प्लेस डे ला रिपब्लिक के सामने एकत्रित हुए इन लोगों के हाथों में प्लेकार्ड थे। इन पर पाकिस्तान सरकार को बलूचों पर किए जा रहे जुल्मों को रोकने के बाबत स्लोगन लिखे थे।
इसके जरिए इन लोगों ने न सिर्फ पाकिस्तान सरकार की असलियत को दुनिया के सामने लाने की कोशिश की बल्कि पाकिस्तान में रह रहे बलूचों के हालातों पर भी दुनिया का ध्यान खींचा।
इनके हाथों में बलूचिस्तान का झंडा भी था। आपको बता दें कि विदेशों में बसे बलूचिस्तान के लोग लंबे समय से आजाद बलूचिस्तान की मांग करते रहे हैं।
विरोध प्रदर्शन करने वाले लोगों ने अपने हाथों में उन लोगों की तस्वीरें भी ली हुई थी जिन्हें पाकिस्तान सरकार या आर्मी ने किसी मामले में फंसा कर गायब कर दिया है।
इनमें से कई लोग वर्षों से गायब हैं। इनको पहले पुलिस ने झूठे मामलों में फंसाया और फिर बाद में गिरफ्तार भी कर लिया। लेकिन इसके बाद से इनकी कोई खबर नहीं है।
बलूचिस्तान में ऐसे लोगों की संख्या काफी है जिनके बारे में उनके परिजनों को कोई खबर नहीं दी गई है। इन लोगों पर संयुक्त राष्ट्र तक भी चिंता जता चुका है।
बता दें कि हर वर्ष 13 नवंबर को बलूच शहीद दिवस के रूप में मनाया जाता है। इसी दिन आजादी की मांग कर रहे बलूचों पर पाकिस्तान सरकार का कहर टूटा था।
इसके बाद से ही बलूचों के गायब करने की घटनाओं में बढ़ोतरी हुई थी। आजादी की मांग में कई बलूचों ने अपनी जान तक गंवा दी है। विरोध प्रदर्शन करने वालों ने पाकिस्तान सरकार की किल एंड डंप पालिसी के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
गौरतलब है कि बलूचिस्तान प्राकृतिक संसाधनों से काफी संपन्न है। इसके बावजूद यहां के लोगों को इसका कोई फायदा नहीं मिला है। सरकारी नौकरियों में भी इनकी अवहेलना की जाती रही है।