KCRC ने कोविड की दूसरी लहर के समापन पर जताया आभार, संभावित तीसरी लहर की तैयारी शुरू

वाराणसी। काशी कोविड रिस्पोन्स सेन्टर (KCRC) की व्यवस्था के तहत पिछले कई दिनों से कोविड-19 से निपटने की कार्यवाही हो रही है एवं नियमित समीक्षा भी हो रही है।

एमएलसी ए.के. शर्मा, मण्डल कमिश्नर, पुलिस कमिश्नर, जिलाधिकारी, नगर आयुक्त एवं स्वास्थ्य सेवाओं से सम्बन्धित अधिकारियों की टीम कोविड की दूसरी लहर पर लगातार नजर रखे हुए है एवं आवश्यक सभी उपाय किये जा रहे है।

राहत की बात यह है कि कोविड-19 का द्वितीय चरण समापन की तरफ जा रहा है और जनजीवन सामान्य होता दिख रहा है। जनता एवं सरकारी तन्त्र का आत्म विश्वास बढा है। KCRC में आने वाले फोन की संख्या में व्यापक कमी आई है।

अस्पतालों में उपलब्ध बेड के सापेक्ष आधा से ज्यादा बेड खाली हैं। साथ ही वाराणसी एवं आस-पास क्षेत्रों में गंगा के घाटो पर अन्तिम संस्कारो की संख्या में भारी कमी हुई है। एक महीना पहले कोविड का पाजिटिविटी रेट 40 प्रतिशत था जो घटकर 3-4 प्रतिशत हो चुका है।

उसी प्रकार कोविड के पाजिटिव मरीजों की संख्या भी 2700 दैनिक से घटकर अब मात्र 280 रह गयी है। ये सब कोविड के द्वितीय चरण के समापन की ओर इशारा करते हैं।

कोविड के द्वितीय चरण के समापन की ओर बढ़ने पर काशी कोविड रिस्पोन्स सेन्टर ने डाक्टरों, स्वास्थ्य कर्मचारियों एवं सरकारीतंत्र का आभार जताया है। साथ ही आने वाली संभावित तीसरी लहर की चुनौती से सजग रहने का भी सुझाव दिया है।

कोविड की संभावित तीसरी लहर की चुनौती की दृष्टि से आज दूसरी बार डाक्टरों एवं बाल रोग विशेषज्ञों की मीटिंग की गयी जिनमें तृतीय लहर से निपटने के लिए एक कार्ययोजना (मास्टर प्लान) तैयार किया गया।।

प्लान के मुताबिक शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र के बाल रोग विशेषज्ञों की सूची बनाकर उनके पास उपलब्ध सुविधाओं की दृष्टि से उनका मुल्यांकन करके तृतीय लहर के लिए उपयुक्त अस्पतालों की सूची को अन्तिम रूप दिया जाय।

सरकारी एवं निजी क्षेत्र के ऐसे उपयुक्त अस्पतालों में सुविधा एवं संसाधन की जो कमियां हों उन्हें तात्कालिक रूप से दुरूस्त/पूरा किया जाय। निजी क्षेत्र को भी इसके लिए प्रोत्साहित किया जाय। विशेष रूप से जिन अस्पतालों में आक्सीजन की सुविधा बनाना आवश्यक हो वहां काम तेजी से शुरू किया जाय।

तृतीय लहर के मददेनजर जो जरूरी संसाधन, मशीन या उपकरण आवश्यक हों उसकी सूची एवं उसका विवरण फाइनल करके ये संसाधन कहां से उपलब्ध हो सकते हैं इस बात की जानकारी एकत्र की जाय एवं इसको अन्तिम रूप दिया जाय।

इसी प्रकार प्रतिदिन उपयोग किये जाने वाले संसाधनों के बारे में भी बाजार में सर्वे कर लेना आवश्यक होगा जिससे कि इसे आवश्यकतानुसार खरीदा जा सकें।

तृतीय चरण के मद्देनजर मरीजों के उपचार का प्रोटोकाल एवं वंेटीलेटर सहित जिन उपकरणों का उपयोग हो सकता है उसके लिए मानवबल तैयार करने के लिए स्वास्थ्य कर्मियों की ट्रेनिंग  का एक व्यापक अभियान शुरू किया जाय। इसके लिए इंडियन एकेडमी आफ पेडियाट्रीशियन (आई0ए0पी0)  का खास सुझाव लिया जाय।

तृतीय एवं चतुर्थ वर्ष के मेेडिकल के विद्यार्थियों को मास्टर ट्रेनर के रूप में तैयार करें। ये मास्टर ट्रेनर वाराणसी एवं पूर्वाचल के अन्य जिलों में विशेष रूप से वाराणसी मंडल,आजमगढ मंडल एवं विन्ध्याचल मंडल में भौतिक रूप से जाकर या आनलाइन ट्रेनिंग देकर मानव बल तैयार करें।

आई0ए0पी0से यह भी निवेदन किया गया कि एल-2,एल-3 अस्पतालों में जिन उपकरण एवं दवाओं की आवश्यकता पड सकती है उसकी लिस्ट त्वरित गति से तैयार की जाय।

जिस प्रकार द्वितीय चरण में कोविड की दवाएं वितरित की गयीं उसी प्रकार आगामी चरण में कुछ दवाओं के वितरण के बारे में आई0ए0पी0 को सुझाव देने हेतु निवेदन किया गया।

जनता से सतर्क एवं सावधान रहने के लिए समय से कहना उपयोगी होता है। उसमें ध्यान देने योग्य बातें एवं प्रचार-प्रसार के सुत्र भी आई0ए0पी0 तैयार करके प्रे्रषित करेगी ऐसा निर्णय लिया गया।

द्वितीय चरण में जो कार्य हुआ उस कार्य एवं अर्जित शक्ति का उपयोग करते हुए एवं द्वितीय चरण के अनुभव का लाभ उठाते हुए यदि तृतीय चरण आता है तो भी जनसामान्य को कोई मुश्किल न पडे इसके लिए सम्पूर्ण रूप से सतर्क रहने के लिए सभी लोगों का, विशेष रूप से मेडिकल से सम्बन्धित भाईयों,बहनों का आवाहन किया जाता है।

सरकार के प्रयासों में जनता का निरन्तर सहयोग मिल रहा है इसी सहयोग की शक्ति से हम वर्तमान एवं आगामी चुनौतियों से निपटने में सफल होंगे ऐसा विश्वास व्यक्त किया गया।

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