उप्र: धर्मनगरी वाराणसी में जुड़ रहा नया टूरिस्ट डेस्टिनेशन, उतर सकेगा हेलीकाप्टर भी

वाराणसी (उप्र)। उप्र की धर्मनगरी वाराणसी को योगी सरकार पर्यटन के महत्त्वपूर्ण केंद्र के रूप में भी विकसित करना चाहती है। बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक काशी विश्वनाथ मंदिर के कारण वैसे भी वाराणसी अंतर्राष्ट्रीय पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र है।

यहाँ से सटे मिर्जापुर जनपद का विंध्यवासिनी मंदिर भारत के 51 शक्तिपीठों में से एक है जिसको सरकार परिक्रमा क्षेत्र की रूप में विकसित कर ही रही है। इसी क्रम में अब वाराणसी में सरकार नया और आधुनिक घाट बनाने जा रही है।

वाराणसी के नक़्शे में जुड़ रहा यह नया टूरिस्ट डेस्टिनेशन जल, थल और नभ तीनों से जुड़ा होगा और पर्यटकों की गाड़ियां भी घाट तक पहुंच जाएँगी। 35.83 करोड़ की लागत से 11.5 एकड़ में विकसित हो रहे घाट पर हेलीकाप्टर से भी उतरा जा सकेगा। ⠀

बता दें कि योगी सरकार पूर्वांचल में इको टूरिज्म की अपार संभावनाएं हैं देख रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की विशेष रुचि से यह क्षेत्र इसका हब बनेगा। इससे क्षेत्र में विकास और रोजगार बढ़ेगा।

इको टूरिज्म के लिए पूर्वांचल के गोरखपुर में रामगढ़ झील, सन्तकबीरनगर का बखिरा ताल, महराजगंज का सोहगीबरवा, सोनभद्र का मसूरी के केम्पटी फाल जैसा नजारा आदि मनमोहक हैं।

महराजगंज में टाइगर रेस्क्यू सेंटर और गिद्ध संरक्षण केंद्र स्थापित हो रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रयास से गोरखपुर में जनवरी में दर्शकों के लिए खुलने जा रहा चिड़ियाघर इको टूरिज़्म की संभावनाओं को और बढ़ा रहा है।

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