UP News: लखनऊ में महिला साड़ी मैराथन, बिना जूते पहने दौड़ी महिलाएं, कई घायल

Lucknow: मैराथन प्रतियोगिता, सांसद खेल स्पर्धा 2024 थी जो 10 फरवरी से लखनऊ के विभिन्न हिस्सों में हो रही थी. इसका आयोजन सांसद कौशल किशोर ने किया था. इस दौड़ का नाम महिला साड़ी मैराथन था जिसका अंतिम दिन गुरुवार को केडी सिंह बाबू स्टेडियम में रखा गया था.

इमेज क्रेडिट: सोशल मीडिया

एक ऐसी अनोखी प्रतियोगिता जिसमें विवाहित, अविवाहित, गर्भवती, बुजुर्ग और जवान सभी महिलाएं एक साथ दौड़ी तो लोग देखते ही रह गए. आपको जानकर हैरानी होगी कि यह दौड़ आसान नहीं थी क्योंकि सभी को साड़ी में दौड़ना था, वो भी एक किलोमीटर नहीं बल्कि पूरे 5 किलोमीटर. दौड़ का जोश और जुनून महिलाओं में इस कद्र था कि दौड़ के दौरान कई महिलाओं के जूते उतर गए फिर भी उन्होंने हार नहीं मानी और बिना जूते चप्पल पहने ही 5 किलोमीटर की दौड़ पूरी की.

इस दौरान कई महिलाएं घायल भी हो गईं. कई के सिर पर भी चोट लगी लेकिन फिर भी उनका जोश कम नहीं हुआ. कुछ महिलाएं ऐसी भी थी जिन्होंने अपने बच्चों को केडी सिंह बाबू स्टेडियम के सिक्योरिटी गार्ड के पास ही सुला दिया और फिर दौड़ में हिस्सा लेने गई. पूरे 5 किलोमीटर के दौरान महिलाओं को साड़ी में दौड़ता देखकर लोग हैरान हो गए जिन्होंने भी देखा उन्होंने सलाम ही किया.

महिला साड़ी मैराथन

दरअसल, यह प्रतियोगिता सांसद खेल स्पर्धा 2024 थी. जो 10 फरवरी से लखनऊ के विभिन्न हिस्सों में हो रही थी. इसका आयोजन सांसद कौशल किशोर ने किया था. इस दौड़ का नाम महिला साड़ी मैराथन था जिसका अंतिम दिन गुरुवार को केडी सिंह बाबू स्टेडियम में रखा गया था.

प्रथम पुरस्कार की विजेता रहीं 11वीं कक्षा की छात्रा
आसमां
इस दौड़ में प्रथम पुरस्कार आसमां ने जीता जो कि 11वीं कक्षा की छात्रा हैं. उनको 51 हजार रुपए पुरस्कार के रूप में दिए गए. उन्होंने बताया कि इन्हीं पैसों से वह अपनी आगे की पढ़ाई पूरी करेंगी क्योंकि घर के हालात सही नहीं है और वह अपनी पढ़ाई रोकना नहीं चाहती है, इसलिए इस रेस में हिस्सा लेने के लिए आई थीं. वहीं 19 साल की संगीता ने 41000 जीते उन्होंने द्वितीय स्थान हासिल किया. उन्होंने बताया कि उनका सपना नर्सिंग करना है, जीत के पैसों से नर्सिंग करेंगी. सविता ने बताया कि वह भी अपनी पढ़ाई में ही इस पैसों को लगाएंगी. अभी वह आठवीं कक्षा में हैं.

355 महिलाओं को मिला पुरस्कार
सांसद कौशल किशोर ने इस प्रतियोगिता में भाग लेने वाली 355 महिलाओं को पुरस्कार दिए. किसी को 500, किसी को 2100, तो किसी को 1100 मिले. कुछ महिलाएं ऐसी भी थी जिन्होंने काफी बुजुर्ग होने के बावजूद इस दौड़ में हिस्सा लिया था उनको 5100 पुरस्कार के रूप में दिए गए हैं.

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