J&K में विशेष दर्जे के प्रस्ताव पर हो रहा हंगामा…मार्शल ने BJP विधायक को फेंका बाहर

Jammu and Kashmir Assembly: जम्मू कश्मीर विधानसभा में शुक्रवार को तीसरे दिन भी तब हंगामा हुआ जब बीजेपी के सदस्यों ने विशेष दर्जे के प्रस्ताव का विरोध किया। इसके चलते अध्यक्ष को 12 विपक्षी विधायकों और लंगेट से विधायक शेख खुर्शीद को बाहर निकालना पड़ा। जैसे ही सदन की कार्यवाही शुरू हुई भाजपा विधायकों ने ‘पाकिस्तानी एजेंडा नहीं चलेगा’ जैसे नारे लगाए।

भाजपा विधायक सदन के वेल में भी कूद पड़े, जिसके बाद स्पीकर अब्दुल रहीम राथर ने निर्देश दिया कि उन्हें मार्शलों द्वारा बाहर निकाला जाए। उन्हें बाहर निकाले जाने के तुरंत बाद 11 अन्य भाजपा विधायकों ने विरोध में सदन से वॉकआउट कर दिया।

स्पीकर बोले- ‘वे इसी लायक हैं’
गुरुवार सुबह सदन की कार्यवाही शुरू होते ही भाजपा सदस्यों ने प्रस्ताव का विरोध किया, जिसके कारण अराजक स्थिति पैदा हो गई और भाजपा विधायक तथा अन्य विपक्षी सदस्य विधानसभा के वेल में भिड़ गए। इस विवाद के दौरान स्पीकर ने व्यवस्था बहाल करने का प्रयास किया। उन्हें यह कहते हुए रिकॉर्ड किया गया, ‘वे इसी लायक हैं, उन्हें बाहर निकालो।’

विशेष दर्जे के प्रस्ताव पर हो रहा हंगामा
पिछले दो दिनों से सदन में हंगामा हो रहा है, क्योंकि भाजपा विधायकों ने नेकां के विशेष राज्य के दर्जे वाले प्रस्ताव पारित होने के बाद जोरदार विरोध किया।

उपमुख्यमंत्री सुरिंदर चौधरी ने मंगलवार को प्रस्ताव पेश किया था, जिसमें कहा गया था कि यह विधानसभा विशेष दर्जे और संवैधानिक गारंटी के महत्व की पुष्टि करती है, जिसने जम्मू-कश्मीर के लोगों की पहचान, संस्कृति और अधिकारों की रक्षा की है, और उन्हें एकतरफा तरीके से हटाए जाने पर चिंता व्यक्त करती है।

प्रस्ताव में क्या है?
प्रस्ताव में कहा है कि यह सदन केंद्र सरकार द्वारा जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 के अधिनियम के साथ अनुच्छेद 370 और अनुच्छेद 35ए के असांविधानिक और एकतरफा निरस्तीकरण की कड़ी निंदा करता है। इन कार्रवाइयों ने जम्मू और कश्मीर से उसका विशेष दर्जा और राज्य का दर्जा छीन लिया। इससे संविधान द्वारा इस क्षेत्र और इसके लोगों को मूल रूप से दी गई मूलभूत गारंटी और सुरक्षा कमजोर हो गई।

वहीं, विधानसभा ने बुधवार को जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा बहाल करने का प्रस्ताव पारित किया है। घाटी के राजनीतिक दलों ने इस प्रस्ताव का स्वागत किया, जबकि मुख्य विपक्षी भाजपा ने इसका विरोध किया।

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