LOAN की EMI बढ़ेगी, अमेरिका करेगा और भरेगा भारत,फैसले से बढ़ सकती है ईएमआई पर बोझ
अमेरिकी सेंट्रल बैंक फेड रिजर्व की दो दिनों की बैठक 25 जुलाई से शुरू होने वाली है. उम्मीद है कि फेड रिजर्व इस मीटिंग में ब्याज दरों में 25 बेसिस प्वाइंट का इजाफा करेगा. अगर ऐसा होता है तो अमेरिका में ब्याज दरें 22 साल के हाई पर तो पहुंचेगी ही साथ ही भारत में भी दबाव देखने को मिलेगा. इसका कारण है पहला भारत में फिर से रिटेल महंगाई में इजाफा देखने को मिला है. दूसरा कारण बीते दो बार से ब्याज दरों को फ्रीज रखा हुआ है. ऐसे में आरबीआई पर भी ब्याज दरों में इजाफा करने का दबाव देखने को मिलेगा. अगर आरबीआई अगस्त में पॉलिसी रेट में इजाफा करता है तो दरें 8 साल के हाई पर पहुंच जाएंगी.
फेड बढ़ाने जा रहा है ब्याज दर?
जून के महीने में यूएस फेड ने ब्याज दरों को फ्रीज रखा था. जिसके बाद जो अमेरिका के इकोनॉमिक आंकड़ें देखने को मिले थोड़े बेहतर थे. ऐसे में उम्मीद है कि फेड कमेटी 25-26 जुलाई को 25 बेसिस प्वाइंट बढ़ाने के लिए वोट कर सकती है. इस कदम से फेड रिजर्व रेट 5.25 फीसदी और 5.5 फीसदी के बीच बढ़ जाएगी, जो 2001 के बाद से सबसे हाई पर होगा. पीटरसन इंस्टीट्यूट फॉर इंटरनेशनल इकोनॉमिक्स (पीआईआईई) के जोसेफ गैगनन और बैंक ऑफ अमेरिका के मुख्य अमेरिकी अर्थशास्त्री माइकल गैपेन सहित कई विशेषज्ञों ने आगामी बैठक में 25 आधार अंकों की बढ़ोतरी की आशंका जताई है. कई फ्यूचर ट्रेडर्स को 99 फीसदी लगता है कि कि फेड ब्याज दरों में 25 बेसिस प्वाइंट का इजाफा करेगा. वैसे इस बात को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है कि महंगाई को दो फीसदी के लांगटर्म टरगेट पर वापस लाने के लिए फेड को इस साल और कितना ब्याज दर बढ़ाना होगा. वैसे फेड चेयरमैन जेरॉम पॉवेल ने कहा कि भारत इस साल 2 बार और ब्याज दरों में इजाफा करेगा.
भारत पर पड़ेगा असर?
अगर फेड ब्याज दरों में इजाफा करता है तो भारत पर भी पॉलिसी रेट में इजाफा करने का दबाव होगा. भले ही बीती दो मीटिंग अप्रैल और जून के महीने में आरबीआई ने ब्याज दरों को फ्रीज रखा हुआ है.वैसे तो आरबीआई की ओर से ब्याज दरों में इजाफा करने की उम्मीदें कम हैं, लेकिन इस बार महंगाई के आंकड़ें बेहतर देखने को नहीं मिले हैं. वहीं जुलाई के महंगाई के आंकड़ें और भी ज्यादा खराब हो सकते हैं. ऐसे में फेड की ओर से इजाफा और महंगाई में तेजी दोनों बातें आरबीआई पर दबाव बना सकती हैं कि और ब्याज दरों में 25 बेसिस प्वाइंट का इजाफा हो सकता है. मौजूदा समय में आरबीआई का रेपो रेट 6.50 फीसदी है. आखिरी बार फरवरी में 25 बेसिस प्वाइंट का इजाफा देखने को मिला था.
पिछले 11 महीने में आरबीआई ने रेपो रेट में 250 आधार अंकों की बढ़ोतरी किया है। एक्सिस बैंक के मुख्य अर्थशास्त्री सौगत भट्टाचार्य ने हाल ही में संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैं दरों में एक और अंतिम 0.25 प्रतिशत की वृद्धि की उम्मीद करता हूं।’’ बैंक ऑफ बड़ौदा के मुख्य अर्थशास्त्री मदन सबनवीस ने कहा, ‘‘पिछले दो माह से मुद्रास्फीति के छह प्रतिशत से ऊपर बने रहने और तरलता के भी अब लगभग तटस्थ हो जाने के बाद ऐसी उम्मीद है कि आरबीआई एक बार फिर रेपो दर में 0.25 प्रतिशत की बढ़ोतरी कर सकता है।
कुल मिलाकर समूचे वित्त वर्ष 2023-24 में आरबीआई कुल छह एमपीसी बैठकों का आयोजन करेगा। केंद्र सरकार ने आरबीआई को यह सुनिश्चित करने का काम सौंपा है कि खुदरा मुद्रास्फीति चार प्रतिशत (दो प्रतिशत ऊपर या नीचे) के दायरे में रहे। बैंकों ने होम, कार लोन समेत सभी तरह के लोन पर ब्याज दरों में बढ़ोतरी की है। इसके चलते होम लोन पर ब्याज दर बढ़कर 9 फीसदी के करीब पहुंच गई है। वहीं, कार लोन करीब 10 फीसदी पर पहुंच गया है। एक और बढ़ोतरी से आम लोगों पर ईएमआई का बोझ बढ़ेगा। यह बाजार के सेंटिमेंट पर असर डालेगा। इससे सबसे ज्यादा असर घर की मांग पर हो सकती है। होम लोन महंगा होने से घर की मांग कम हो सकती है।
महंगाई के खराब आंकड़ें अब तक
वहीं मई 2022 से फरवरी 2023 तक ब्याज दरों में 2.50 फीसदी की तेजी की गई थी. जिसके बाद मई में रिटेल महंगाई के आंकड़ें 4.25 फीसदी पर आ गए थे. जो जून के आंकड़ें 4.81 फीसदी पर आ गए हैं. ऐसे में अनुमान लगाया जा रहा है कि जुलाई के रिटेल महंगाई में एक फीसदी से ज्यादा का इजाफा देखने को मिल सकता है. इसका मतलब है कि रिटेल महंगाई एक बार फिर से 6 फीसदी के आसपास पहुंच सकती है. इसका कारण टमाटर और अन्य सब्जियों के दाम हैं, जिनमें बेहिसाब इजाफा हुआ है. देश में टमाटर के दाम 250 रुपये तक पहुंच गए थे. ऐसे में उम्मीद की जा रही है जुलाई की रिटेल महंगाई में इजाफा होगा ही होगा.