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Mahakumbh 2025: साधु-संतों की तिलिस्मी दुनिया…, जाने महाकुंभ के 45 दिनों की कहानी!
Mahashivratri Mahakumbh Snan: महाकुंभ का आज आखिरी स्नान है. महाशिवरात्रि के मौके पर संगम में डुबकी लगाने के लिए संगम तट पर करोड़ों लोग एकत्रित हो चुके हैं. वहीं पुलिस-प्रशासन ने भी जबरदस्त व्यवस्था कर रखी है.
Mahashivratri Mahakumbh Snan: प्रयागराज महाकुंभ मेला 2025: महाशिवरात्रि के अंतिम स्नान पर्व तक 65 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने संगम में स्नान कर इतिहास रच दिया है। यह संख्या कई देशों की आबादी से भी अधिक है। दुनिया भर के 73 देशों के लोग इस पवित्र स्नान में शामिल हुए, जो सीएम योगी आदित्यनाथ की उम्मीदों से भी बहुत आगे रहे। उम्मीद जताई जा रही है करीब 3 करोड़ लोग आज डुबकी लगा सकते हैं. महाकुंभ में सभी 13 प्रमुख अखाड़ों ने कल्पवास किया. नागा बाबाओं की पेशवाई और उनके अनूठे हठयोग, तपस्या और साधना ने लोगों को आकर्षित किया.
प्रयागराज महाकुंभ में उमड़े श्रद्धालुओं की संख्या कई देशों की कुल जनसंख्या से अधिक रही. केवल भारत और चीन ही ऐसे देश हैं, जिनकी आबादी इस महाकुंभ में स्नान करने वालों से अधिक है।
महाकुंभ में उमड़ी भीड़, पुलिस ने बंद कर दी सड़क
प्रयागराज रेलवे स्टेशन से संगम जाने वाले सड़क को पुलिस ने रोक दिया है. क्योंकि घाट पर अत्यधिक श्रद्धालु इकट्ठा हो गए हैं. अगले 15 मिनट तक के लिए इस सड़क को बंद किया गया है. बैरिकेडिंग करके श्रद्धालुओं को रोका गया है. घाट पर इस वक्त अधिक भीड़ हो गई है. जैसे ही घाट की भीड़ खत्म होगी उसके बाद श्रद्धालुओं को यहां से छोड़ा जाएगा.
प्रयागराज, वाराणसी और अयोध्या में भक्तों की भारी भीड़
उत्तर प्रदेश में वाराणसी, प्रयागराज और अयोध्या में भक्तों की भारी उमड़ रही है. वाराणसी में काशी विश्वनाथ धाम, अयोध्या में राम मंदिर और प्रयागराज में महाकुंभ में लाखों श्रद्धालु पहुंच रहे हैं.
समुद्र मंथन से जुड़ी महाकुंभ की पौराणिक कथा!
महाकुंभ का आयोजन हर 12 साल में होता है और इसका संबंध समुद्र मंथन से जुड़ा है. मान्यता है कि जब देवताओं और असुरों के बीच समुद्र मंथन हुआ, तब अमृत कलश से अमृत की कुछ बूंदें हरिद्वार, उज्जैन, प्रयागराज और नासिक में गिरी थीं. इन्हीं चार स्थानों पर महाकुंभ का आयोजन होता है.
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तकनीक का अनूठा प्रयोग… AI से श्रद्धालुओं की गिनती
महाकुंभ 2025 में पहली बार आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का उपयोग किया गया. उत्तर प्रदेश सरकार ने 500 से अधिक एआई कैमरों के माध्यम से श्रद्धालुओं की संख्या गिनी. ये कैमरे भीड़ घनत्व, हेड काउंट और फेस रिकग्निशन जैसी तकनीकों का उपयोग कर डेटा जुटा रहे थे.