सपा से नाराज चल रहे स्वामी प्रसाद ने छोड़ा अखिलेश का साथ, किया नई पार्टी का गठन

Uttar Pradesh: पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने नई पार्टी का ऐलान किया है। उनकी पार्टी का नाम राष्ट्रीय शोषित समाज पार्टी है। सोमवार को मौर्य ने पार्टी का झंडा लांच किया। नीला, लाल और हरे रंग की पट्‌टी वाले इस झंडे में बीच में RSSP लिखा हुआ है।

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स्वामी प्रसाद मौर्य द्वारा अलग पार्टी बनाए जाने की बात सामने आते ही अखिलेश-स्वामी में वार पलटवार शुरू हो गया है। अखिलेश यादव ने कहा कि किसके मन में क्या है ये कैसे जाने। इसपर स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा, सपा की सरकार न तो केंद्र में है और न ही राज्य में उनके पास कुछ देने की हैसियत नहीं है। स्वामी प्रसाद ने 13 फरवरी को सपा के महासचिव पद से इस्तीफा दिया था। 7 दिन बाद ही उन्होंने पार्टी का ऐलान कर दिया। राष्ट्रीय शोषित समाज पार्टी (RSSP) साहेब सिंह धनगर की है।

सब फायदे के लिए आते है -अखिलेश यादव

अपने बयानों को लेकर चर्चा में रहने वाले और सपा के महासचिव पद से इस्तीफा दे चुके स्वामी प्रसाद मौर्य को लेकर अखिलेश यादव ने बड़ा बयान दिया है। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि किस व्यक्ति के अंदर क्या चल रहा है, यह बात कोई नहीं जानता है। यहां हर कोई सिर्फ फायदे के लिए भाग रहा है।

स्वामी प्रसाद मौर्य का पलटवार

अखिलेश के बयान पर स्वामी प्रसाद मौर्य ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा,’वे (अखिलेश) केंद्र या राज्य में पावर में नहीं हैं। वह कुछ देने की स्थिति में भी नहीं हैं। अब तक उन्होंने मुझे जो कुछ भी दिया है, मैं सबकुछ उन्हें वापस करूंगा। मेरे लिए विचारधारा ज्यादा मायने रखती है, पद नहीं। सभी वर्गों के अधिकार और उनका कल्याण मेरी प्राथमिकता है। अगर इन पर हमला किया जाएगा तो मैं आवाज जरूर उठाऊंगा। ‘

महासचिव पद से इस्तीफा देने के बाद स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा है कि उन्होंने 13 तारीख को अखिलेश यादव के नाम इस्तीफे का पत्र भेजा था। लेकिन अखिलेश ने बात करना तक मुनासिब नहीं समझा। इसलिए अब वह कदम आगे बढ़ा रहे हैं।

अब कार्यकर्ता ही करेंगे फैसला

स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा,’22 फरवरी को दिल्ली में कार्यकर्ताओं का समागम होगा। उसी दिन फैसला सुनाया जाएगा। संगठन में ही भेदभाव है, एक राष्ट्रीय महासचिव का हर बयान निजी हो जाता है। पद में ही भेदभाव है। मैं भेदभाव के खिलाफ ही लड़ाई लड़ता हूं। ऐसे पद पर रहने का औचित्य क्या है? अब कार्यकर्ता तय करेंगे कि उन्हें क्या करना है।’

मेरे अभियान का मजाक उड़ाया गया

स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा,’मुझे सिर्फ इतना कहना है। दिल में क्या है इसको जानने की जरूरत नहीं है। मैंने इस्तीफा देने से पहले 12 फरवरी को मिलकर बताया था और 13 फरवरी को अपने इस्तीफा के माध्यम से भी बताया है। जब से समाजवादी पार्टी ज्वाइन की है, समाजवादी पार्टी का जनाधार बढ़ाने की कोशिश की है। मैंने ही नारा दिया था 85 हमारा है 15 में बंटवारा है। लेकिन कुछ यथार्थवादी ताकत है, जो समाजवादी पार्टी के नाम पर लाभ तो लेती हैं। लेकिन सपा के वोट बैंक के साथ खिलवाड़ करती हैं। मेरे बयान को निजी बयान कहकर उपहास उड़ाया गया। लेकिन जब मेरे अभियान का मजाक उड़ाने लगे, राष्ट्रीय अध्यक्ष के द्वारा लगाम लगाने के बजाय मेरे पत्र को भी गंभीरता से नहीं लेना बताता है कि ऐसे लोगों के पीछे अखिलेश यादव की शह थी।’

मौर्य ने नई पार्टी बनाने का किया ऐलान

स्वामी प्रसाद मौर्य को लेकर यह बात भी सामने आई है कि वह सपा महासचिव के पद से इस्तीफा देने के बाद अपनी नई पार्टी बनाने जा रहे हैं। अपने समर्थकों के साथ वह 22 फरवरी को नए राजनीतिक संगठन या पार्टी का ऐलान कर सकते हैं। चर्चा है कि पुराने बहुजन चेहरों और खासकर दलित OBC की राजनीति करने वाले नेताओं के साथ मिलकर स्वामी प्रसाद मौर्य एक नए राजनीतिक संगठन के साथ सामने आ सकते हैं। इसमें समाजवादी पार्टी के उनके समर्थक, पूर्व विधायक, पूर्व सांसद और बिहार के कई नेता शामिल होंगे।

बता दें कि कुछ दिन पहले ही स्वामी प्रसाद मौर्य ने सपा के राष्ट्रीय महासचिव पद से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने सिर्फ पद से इस्तीफा दिया था पार्टी से नहीं। उन्होंने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव को इस संबंध में एक लंबा चौड़ा खत लिखते हुए इस्तीफे के कारण बताए थे। सपा के विधान परिषद सदस्य मौर्य ने पार्टी अध्यक्ष को लिखे पत्र में कहा था कि उन्होंने पार्टी का जनाधार बढ़ाने का काम अपने तौर तरीके से जारी रखा, लेकिन पार्टी के ही कुछ ‘छुटभैये’ और कुछ बड़े नेताओं ने उसे उनका बयान कहकर उनके प्रयास की धार को कुंद करने की कोशिश की।

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