Uniform Civil Code: उत्तराखंड में UCC लागू करने को लेकर चर्चा तेज, सीएम धामी ने दी बड़ी जानकारी
उत्तराखंड में यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू करने की तैयारी की जा रही है. यूनिफॉर्म सिविल कोड का मसौदा तैयार करने के लिए गठित विशेषज्ञ समिति ने फाइनल ड्राफ्ट 2 फरवरी को सीएम धामी को सौंप दिया है. अगर ऐसा होता है तो उत्तराखंड UCC लागू करने वाला देश का पहला राज्य बन जाएगा।
Uttarakhand Uniform Civil Code: उत्तराखंड में यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू करने को लेकर चर्चा तेज है. राज्य में यूसीसी कब से लागू किया जा सकता है इसे लेकर अब उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने गुरुवार को गुजरात के अहमदाबाद में कहा कि समान नागरिक संहिता को लेकर चुनाव में हमने उत्तराखंड की जनता के सामने प्रस्ताव रखा था कि नई सरकार बनते ही हम इसे लागू करने के लिए एक समिति बनाएंगे.
The Uttarakhand Cabinet approved the UCC report in the cabinet meeting being held at the Chief Minister's residence under the chairmanship of Chief Minister Pushkar Singh Dhami. pic.twitter.com/Zf1xysFMgq
— ANI (@ANI) February 4, 2024
उन्होंने आगे कहा कि यूसीसी पर समिति का गठन हुए एक साल से अधिक समय हो गया है. समिति ने लाखों लोगों के पास जाकर उनकी राय ली. साथ ही उन्होंने बुद्धिजीवियों, सामाजिक और धार्मिक संगठनों और आदिवासी समुदाय के लोगों से भी बात की. वे सभी विचारों पर आधारित एक संकलन की तैयारी कर रहे हैं. जैसे ही ये तैयार हो जाएगा और हमें इसका मसौदा मिल जाएगा, हम आगे बढ़ेंगे.
यूसीसी ड्राफ्ट में बहु विवाह रोकने, लिव इन की घोषणा, बेटियों को उत्तराधिकार में बराबरी का अधिकार देने, विवाह का रजिस्ट्रेशन करने, एक पति-एक पत्नी का नियम समान रूप से लागू करने जैसे तमाम प्रावधान हैं। बैठक में कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज, प्रेमचंद अग्रवाल, डॉ.धन सिंह रावत, गणेश जोशी, रेखा आर्या के अलावा मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, अपर मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन भी मौजूद थे।
विधानसभा चुनाव से पहले सीएम धामी ने की घोषणा
यूसीसी लागू करने को लेकर उत्तराखंड में पिछले साल हुए विधानसभा चुनावों के दौरान बीजेपी की ओर से किए गए प्रमुख चुनावी वादों में से एक था. लगातार दूसरी बार सत्ता में आने के बाद, पुष्कर धामी ने अपनी अध्यक्षता में पहली कैबिनेट बैठक में यूसीसी का मसौदा तैयार करने के लिए सेवानिवृत्त सुप्रीम कोर्ट न्यायाधीश रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता में एक समिति गठित करने को मंजूरी दे दी थी.
पैनल का कार्यकाल तीन बार बढ़ाया
इस विशेषज्ञ पैनल ने मसौदा तैयार करने से पहले 2.33 लाख लोगों और विभिन्न संगठनों, संस्थानों और आदिवासी समूहों से राय ली है. पांच सदस्यीय समिति को छह महीने का पहला विस्तार नवंबर, 2022 में और चार महीने का दूसरा विस्तार इस साल मई में मिला था. हाल ही में इस पैनल का कार्यकाल तीसरी बार दिसंबर तक बढ़ाया गया था.