
अमेरिका में भारतीय प्रवासियों को गौरवान्वित किया है वनिता गुप्ता ने

वाशिंगटन। अमेरिका में भारतीय मूल के लोगों ने किस तरह से प्रतिष्ठित पदों को सुशोभित किया है यह बात अब किसी से छिपी नहीं है। इसी कड़ी में एक नया नाम जुड़ गया है वनिता गुप्ता का जिसे नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडन ने सहायक अटॉर्नी जनरल पद के लिए नामित किया है।
राष्ट्रपति जो बाइडन ने वनिता गुप्ता की तारीफ करते हुए कहा कि वह नागरिक अधिकारों की अमेरिका की एक प्रतिष्ठित वकील हैं और भारतीय प्रवासियों को गौरवान्वित किया है।
इस पद पर आसीन होने वाली पहली अश्वेत महिला होंगी वनिता
सीनेट से मंजूरी मिलने पर वनिता गुप्ता (46) इस पद पर आसीन होने वाली पहली अश्वेत महिला होंगी। विलमिंग्टन के डेलावेयर में बाइडन ने न्याय विभाग में एक महत्वपूर्ण पद के लिए उन्हें नामित करते हुए पत्रकारों से कहा, ‘विभाग में तीसरे नंबर के पद, सहायक अटॉर्नी जनरल के लिए, मैंने वनिता गुप्ता को नामित किया है। वह अमेरिका में नागरिक अधिकारों की एक प्रतिष्ठित वकील हैं।’
बाइडन ने कहा कि वनिता गुप्ता ने ‘एनएएसीपी लीगल डिफेंस फंड’ से अपने करियर की शुरुआत की थी। इसके बाद एसीएलयू और फिर पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा-बाइडन प्रशासन में न्याय विभाग में अपनी सेवाएं दीं, जहां उन्होंने नागरिक अधिकार संभाग की अगुवाई की।
वहीं वनिता गुप्ता ने कहा, ‘मेरी मौजूदगी भारतीय प्रवासियों को गौरवान्वित करेगी।’ उन्होंने कहा, ‘एक दिन मैं अपनी बहन और दादी के साथ ‘मैकडॉनल्ड’ में बैठी थी… तभी श्वेतों के वर्चस्व को मानने वाले नस्लपरस्तों के एक समूह ने हमें नस्ली ताने देने शुरू कर दिए और हमारे वहां से जाने तक हम पर खाना फेंकते रहे।’
वनिता ने कहा, ‘वह एहसास कभी दूर नहीं हुआ कि आपकी पहचान की वजह से आप सुरक्षित नहीं हैं। हालांकि मैंने एक और एहसास को अपने अंदर जिंदा रखा, जो मुझमें मेरे माता-पिता और पति की वजह से था, जिनके परिवार ने वियतनाम में हिंसा तथा युद्ध के कारण यहां शरण ली थी।’
उन्होंने कहा कि किसी और चीज से अधिक उन्हें अमेरिका के वादे पर विश्वास था, इस देश से प्यार करने से इसकी बेहतरी के लिए काम करने का दायित्व भी आता है। इन दो एहसास के साथ ही आगे बढ़ना जारी रखा।