Vinesh Phogat: भारत की बेटी को मिलेगा इंसाफ, CAS में केस से जुड़े धाकड़ वकील…

Vinesh Phogat: पेरिस ओलंपिक में 7 अगस्त को 50 किलोग्राम कुश्ती वर्ग में फाइनल मुकाबले से पहले 100 ग्राम अधिक वजन होने के कारण विनेश फोगाट अयोग्य घोषित की गई। अब उनको कानूनी लड़ाई का सामना करना पड़ रहा है।

पेरिस ओलंपिक में कुश्ती के मुकाबले के फाइनल में 100 ग्राम वजन ज्यादा होने के कारण अयोग्य घोषित किए जाने के मामले में एक बड़ी उम्मीद जगी है। भारत की बेटी विनेश फोगाट (Vinesh Phogat) को न्याय मिलेगा और उनको सिल्वर मेडल भी मिल जाएगा। अब यह मुकाबला कुश्ती की रिंग में नहीं कोर्ट में लड़ा जाएगा। जिसमें विनेश फोगाट की ओर से लड़ाई लड़ने का जिम्मा हरीश साल्वे ने लिया है। ये वही हरीश साल्वे (Harish Salve) हैं जिन्होंने महज 1 रुपये में पाकिस्तान की नाक में दम कर दिया था। हरीश साल्वे ने खेल पंचाट न्यायालय (Court of Arbitration for Sports- CAS) में विनेश फोगट की ओर से पेश होने पर सहमति जताई है.

CAS के समक्ष विनेश फोगट ने की है अपील

भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) ने CAS के समक्ष विनेश फोगट की अपील के लिए वकील नियुक्त करने के लिए अतिरिक्त समय का अनुरोध किया है। विनेश ने दो मामलों में अपनी अयोग्यता के खिलाफ अपील की थी। पहला यह था कि उसे फिर से वजन करने दिया जाए, जिसे अदालत ने खारिज कर दिया। दूसरी अपील में उसे सिल्वर मेडल की उम्मीद थी। CAS ने कहा है कि वह इस मामले पर विचार-विमर्श करेगा।

CAS ने भारतीय दल को अपने कानूनी प्रतिनिधित्व को अंतिम रूप देने के लिए आज रात 9:30 बजे तक का समय दिया है। ओलंपिक खेलों के दौरान उत्पन्न होने वाले किसी भी विवाद के समाधान के लिए पेरिस में CAS का एक विभाग स्थापित किया गया है। यहीं पर सुनवाई होती है।

हरीश साल्वे ने इंटरनेशनल कोर्ट में भारत की ओर से कुलभूषण जाधव का केस लड़ा था। किसी केस में लाखों रुपये फीस लेने वाले हरीश साल्वे ने कुलभूषण जाधव की पैरवी के लिए महज 1 रुपये फीस ली थी। अपनी दलीलों से उन्होंने इंटरनेशन कोर्ट में पाकिस्ता को मात देने में सफलता हासिल की थी। 7 अगस्त को 50 किलोग्राम कुश्ती वर्ग में स्वर्ण पदक मुकाबले से पहले 100 ग्राम अधिक वजन होने के कारण अयोग्य घोषित की गई विनेश फोगाट को अब एक महत्वपूर्ण कानूनी लड़ाई का सामना करना पड़ रहा है।

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