WFI News: खेल मंत्रालय का बड़ा कदम, कुश्ती संघ निलंबित, बृजभूषण सिंह को झटका?

Wrestling Federation of India: बृजभूषण सिंह के करीबी संजय सिंह के अध्यक्ष बनने के बाद दिग्गज पहलवान साक्षी मलिक ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कुश्ती छोड़ने का एलान कर दिया था। उनके बाद बजंरग पूनिया ने पद्म श्री लौटा दिया था। उनके अलावा हरियाणा के पैरा एथलीट वीरेंद्र सिंह ने पद्म श्री लौटाने का एलान कर दिया था। मामला काफी तूल पकड़ चूका था.

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भारतीय खेल मंत्रालय ने रविवार को बड़ा और चौकाने वाला फैसला लिया। उसने नवनियुक्त भारतीय कुश्ती संघ को निलंबित कर दिया है। बताते चले कि इस साल पहलवानों के विरोध के बाद सांसद बृजभूषण शरण सिंह को कुश्ती संघ के अध्यक्ष के पद से हटा दिया था। उसके बाद चुनाव हुआ और बृजभूषण शरण के ही करीबी संजय सिंह चुनाव जीत गए।

संजय सिंह के अध्यक्ष बनने के बाद दिग्गज पहलवान साक्षी मलिक ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कुश्ती छोड़ने का एलान कर दिया था। उनके बाद बजंरग पूनिया ने पद्मश्री लौटा दिया था। उनके अलावा हरियाणा के पैरा एथलीट वीरेंद्र सिंह ने पद्म श्री लौटाने का एलान कर दिया था।

सरकार ने नियमों की अवहेलना के कारण कुश्ती संघ को निलंबित किया। खेल मंत्रालय के एक अधिकारी ने पीटीआई को बताया, “नए निकाय ने डब्ल्यूएफआई संविधान का पालन नहीं किया है। हमने फेडरेशन को समाप्त नहीं किया है, बल्कि अगले आदेश तक निलंबित कर दिया है। उन्हें बस उचित प्रक्रिया और नियमों का पालन करने की जरूरत है।”

मीडिया रिपोर्ट्स में निलंबन के कारणों के बारे में आगे बताया। उन्होंने कहा, “डब्ल्यूएफआई के नवनिर्वाचित अध्यक्ष संजय कुमार सिंह ने को जिस दिन अध्यक्ष चुना गया था उसी दिन उन्होंने घोषणा की थी कि कुश्ती के लिए अंडर-15 और अंडर-20 राष्ट्रीय मुकाबले नंदिनी नगर, गोंडा (यूपी) में होंगे। यह घोषणा जल्दबाजी में की गई है। डब्ल्यूएफआई के संविधान की प्रस्तावना के खंड 3 (ई) के अनुसार, डब्ल्यूएफआई का उद्देश्य अन्य बातों के अलावा कार्यकारी समिति द्वारा चयनित स्थानों पर यूडब्ल्यूडब्ल्यू नियमों के अनुसार सीनियर, जूनियर और सब जूनियर राष्ट्रीय चैंपियनशिप आयोजित करने की व्यवस्था करना है।”

पहलवान बजरंग पूनिया ने कहा- सही निर्णय
कुश्ती संघ को निलंबित किए जाने के बाद आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाने वाले अनुभवी पहलवान बजरंग पूनिया ने कहा, ”यह सही निर्णय लिया गया है। जो हमारी बहन-बेटियों के साथ अत्याचार हो रहा है उसके खिलाफ संबंधित लोगों को पूरी तरह से हटाया जाना चाहिए। हमारे ऊपर कई इल्जाम लगाए गए। राजनीति की गई। सैनिकों और खिलाड़ियों से ज्यादा मेहनत कोई नहीं करता। हमें देशद्रोही कहा गया। हम ऐसे नहीं हैं। हमें पुरस्कार जीतने पर मिला। हम उसे वापस ले सकते हैं। हम सम्मान वापस ग्रहण कर सकते हैं।”

संजय सिंह को कुश्ती संघ के चुनाव में मिले थे 40 मत
कुश्ती संघ के चुनाव में दांव पर लगे 15 पदों में से 13 पर बृजभूषण समर्थित उम्मीदवारों ने जीत हासिल की थी। उत्तर प्रदेश कुश्ती संघ के उपाध्यक्ष वाराणसी के संजय सिंह को 40 वोट मिले, जबकि उनके सामने खड़ीं राष्ट्रमंडल खेलों की विजेता पहलवान अनीता श्योराण को सात मत पड़े थे। अनीता को आंदोलनकारी बजरंग, विनेश और साक्षी का समर्थन प्राप्त था।

कानूनी विकल्प पर भी करेंगे विचार
हम खेल मंत्री से समय मांग रहे हैं और उनसे प्रार्थना करेंगे निलंबन को वापस ले लिया जाए। अगर बातचीत के बावजूद मुद्दा नहीं सुलझा तो हम कानूनी विकल्प पर भी विचार कर सकते हैं। हम बताएंगे कि हमने नियमों के दायरे में रहकर ही फैसले लिए हैं। हम उनके सामने साक्ष्य भी रखेंगे। सभी फैसले आमसहमति से लिए गए हैं। ये अकेले मेरी ओर से लिए गए फैसले नहीं हैं। हमारे पास सब कुछ लिखित में है।-संजय सिंह, अध्यक्ष भारतीय कुश्ती संघ

अच्छा होने की दिशा में पहला कदम
यह कुछ अच्छा होने की दिशा में पहला कदम है। उम्मीद है कि सरकार समझेगी की हम किस मकसद के लिए लड़ रहे थे। अगर कुश्ती संघ की अध्यक्ष कोई महिला होगी तो यह महिला पहलवानों की सुरक्षा के लिए अच्छा होगा। यह देश की बहनों और बेटियोंं के लिए लड़ाई थी।-साक्षी मलिक, ओलंपिक पदक विजेता पहलवान

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