उप्र: दो हफ्ते में 52 फीसदी कम हुआ कोरोना संक्रमण, दैनिक मामलों में लगातार गिरावट

लखनऊ। कोरोना महामारी के खिलाफ लड़ाई में ‘ट्रेस, टेस्ट और ट्रीट’ के मंत्र के अनुसार योगी सरकार की कोशिशों के अच्छे परिणाम मिलने लगे हैं।

एक ओर जहां टेस्टिंग और ट्रेसिंग के लिए गांवों में महाभियान जारी है, वहीं नए कोरोना मरीजों की संख्या दिनों-दिन कम होती जा रही है।

लगातार कोशिशों का ही नतीजा है कि महज एक पखवारे में ही प्रदेश के कोरोना मरीजों की तादाद में 52 फीसदी तक कमी आ गई है। ढाई से तीन लाख टेस्ट हर दिन करने के बाद भी स्थिति यह है कि दैनिक केस की संख्या में लगातार गिरावट हो रही है।

बीते माह 30 अप्रैल को प्रदेश में 03 लाख 10 हजार 783 कोरोना मरीज थे, यह समूचे कोविड काल में अब तक का पीक था। इसके सापेक्ष महज 17 मई को 1,49,032 लाख एक्टिव केस हैं। दैनिक स्थिति को देखें तो 24 अप्रैल को प्रदेश में एक दिन में सर्वाधिक 38055 नए संक्रमितों की पुष्टि हुई थी।

जबकि 16 मई को महज 9391 नए केस आए। प्रदेश के 75 जिलों में से 43 जिले हैं जहां कुल कोरोना मरीजों की संख्या 2000 से कम रह गई है, जबकि 30 जिलों में 5000 से कम एक्टिव केस हैं।

89.8 फीसदी हुआ यूपी का रिकवरी दर

अधिकृत आंकड़ों को देखें तो 14 लाख 62 हजार से अधिक प्रदेशवासियों ने कोविड से लड़ाई में जीत प्राप्त कर ली है। बीते 24 घंटे में 02 लाख 55 हजार टेस्ट हुए।

यूपी का रिकवरी दर बढ़कर 89.8% हो गया है। एक्टिव केस में गिरावट और बेहतर होते रिकवरी दर को संतोषजनक बताते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने टीम-09 को टेस्टिंग क्षमता को और बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।

सीएम ने कहा कि संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए गांव-गांव टेस्टिंग का महा अभियान चल रहा है। लोग इसमें सहयोग कर रहे हैं।

निगरानी समितियां घर-घर जाएं, स्क्रीनिंग करें, होम आइसोलेशन के मरीजों को मेडिकल किट उपलब्ध कराएं। लक्षणयुक्त लोगों के बारे में आरआरटी को सूचना देकर उनका एंटीजन टेस्ट कराया जाए।

डीएम और सीएमओ यह सुनिश्चित करें कि टेस्ट की यह प्रक्रिया गांव में ही हो। सीएचसी/पीएचसी पर जाने की कोई अवश्यकता नहीं है। आरआरटी की संख्या में तीन से चार गुना बढ़ोतरी के लिए विशेष प्रयास किए जाएं। कांटेक्ट ट्रेसिंग और बेहतर करने की जरूरत है।

हर मरीज को जरूर मिले मेडिकल किट

मुख्यमंत्री ने कहा कि होम आइसोलेशन में उपचाराधीन लोगों को समय से मेडिकल किट जरूर दी जाए।मुख्य सचिव कार्यालय और मुख्यमंत्री कार्यालय से इसकी समीक्षा की जाए। निगरानी समितियां जिन लोगों को मेडिकल किट दें उनका विवरण आईसीसीसी को उपलब्ध कराएं।

आईसीसीसी इसका सत्यापन करे और जिला प्रशासन के माध्यम से स्थानीय जनप्रतिनिधियों को भी इसकी सूची उपलब्ध कराई जाए। इसके बाद सीएम हेल्पलाइन से इसका पुनरसत्यापन किया जाए।

इसके साथ ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक बार फिर साफ किया है कि प्रदेश पूर्ण तालाबंदी की ओर नहीं जाएगा और पूरी सख्ती के साथ आंशिक कोरोना कर्फ्यू की नीति जारी रहेगी।

टीम-09 के साथ बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि आंशिक कोरोना कर्फ्यू में प्रदेशवासियों का अच्छा सहयोग मिल रहा है, इसके परिणाम संतोषप्रद हैं।

मुख्यमंत्री ने अलग-अलग अवसरों पर इस बात पर जोर दिया है कि प्रदेश सरकार लोगों के जीवन और जीविका दोनों की सुरक्षा के लिए संकल्पित है।

दिल्ली और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में जहां बीते 03-04 हफ्तों से पूर्ण लॉकडाउन लगाया गया है, वहां संक्रमण दर को लेकर कोई बहुत उत्साहजनक नहीं देखने को मिले।

यही नहीं टेस्ट, ट्रेस और ट्रीट की नीति के अनुसार यूपी ने अब तक जहां 4.49 करोड़ टेस्ट किये हैं वहीं विभिन्न राज्यों में टेस्टिंग को लेकर भी उदासीनता का रवैया देखने को मिल रहा है।

बता दें कि यूपी में हर दिन औसतन सवा दो लाख कोविड टेस्ट किये जा रहे हैं। बीते 01 मई को नया रिकॉर्ड बनाते हुए प्रदेश में 02 लाख 97 हजार टेस्ट किये गए।

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