महिला आरक्षण बिल संसद के दोनों सदनों में पास, राष्ट्रपति मंजूरी के बाद बनेगा कानून

महिला आरक्षण बिल दोनों सदनों में पास होने के बाद सदन का विशेष सत्र गुरूवार को समाप्त हो गया। इसी के साथ लोकसभा और राज्यसभा को अनिश्चितकाल तक के लिए स्थगित कर दिया गया है।

इमेज क्रेडिट- सोशल मीडिया प्लेटफार्म

सदन का यह विशेष सत्र सोमवार 18 सितंबर को बुलाया गया था। पहले दिन की कार्रवाई पुराने संसद भवन में ही हुई थी। वहीं मंगलवार 19 सितंबर को नए सदन में कार्रवाई शुरू हुई। इस दौरान पहले दिन ही लोकसभा में नारी शक्ति वंदन अधिनियम बिल पेश किया गया। इस बिल पर 19 और 20 सितंबर को बहस हुई और बुधवार को यह 454 वोटों के साथ पारित हो गया।

आपको बता दें कि यह स्पेशल सेशन पूरी तरह से महिला आरक्षण बिल और नई संसद के नाम रहा। महिला आरक्षण बिल नई संसद में पेश और पास होने वाला पहला बिल बना।

राज्यसभा में इसे गुरूवार 21 सितंबर को पेश किया गया। यहां पूरे दिन इस विधेयक पर चर्चा हुई और देर रात इस बिल पर वोटिंग हुई। वोटिंग के दौरान बिल के समर्थन में 215 सांसदों ने मतदान किया और किसी भी सांसद ने इस बिल का विरोध नहीं किया। हालांकि लोकसभा में असदुद्दीन ओवैसी और इम्तियाज जलील ने बिल के खिलाफ वोट किया था। वहीं राज्यसभा में चर्चा के दौरान चर्चा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि ”इस बिल से देश के लोगों में एक नया विश्वास पैदा होगा। सभी सदस्यों और राजनीतिक दलों ने महिलाओं को सशक्त बनाने और ‘नारी शक्ति’ को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। आइए देश को एक मजबूत संदेश दें।”

पीएम मोदी ने कहा कि मैं उन सभी राज्यसभा सांसदों को धन्यवाद देता हूं जिन्होंने नारी शक्ति वंदन अधिनियम के लिए वोट किया। इस तरह का सर्वसम्मत समर्थन वास्तव में ख़ुशी देने वाला है। संसद में नारी शक्ति वंदन अधिनियम के पारित होने के साथ, हम भारत की महिलाओं के लिए मजबूत प्रतिनिधित्व और सशक्तिकरण के युग की शुरुआत करते हैं। यह महज एक विधान नहीं है। यह उन अनगिनत महिलाओं को श्रद्धांजलि है जिन्होंने हमारे देश को बनाया है। भारत उनके महान योगदान से समृद्ध हुआ है।

प्रधानमंत्री ने कहा जैसा कि हम आज मनाते हैं, हमें अपने देश की सभी महिलाओं की ताकत, साहस और अदम्य भावना की याद आती है। यह ऐतिहासिक कदम यह सुनिश्चित करने की प्रतिबद्धता है कि उनकी आवाज़ को और भी अधिक प्रभावी ढंग से सुना जाए। उन्होंने कहा कि इस बिल से देश के लोगों में एक नया विश्वास पैदा होगा। सभी सदस्यों और राजनीतिक दलों ने महिलाओं को सशक्त बनाने और ‘नारी शक्ति’ को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

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