
DGP चयन पर योगी कैबिनेट का बड़ा फैसला…केंद्र नहीं अब यूपी की कमेटी करेगी सेलेक्शन
UP Cabinet: उत्तर प्रदेश कैबिनेट में एक गुपचुप फैसला हुआ जो देर रात सार्वजनिक हो गया। मामला चौंकाने वाला है। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने डीजीपी चयन को लेकर एक अहम नियमावली को मंजूरी दे दी है। इस नियमावली के लागू हो जाने के बाद सरकार खुद अपनी पसंद के आईपीएस अफसर को डीजीपी बना सकेगी। उसे यूपीएससी के ऊपर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। सोमवार देर रात कैबिनेट बैठक के दौरान पास की गई इस नियमावली को लेकर राजनीति शुरू हो गई है।
हालांकि सुप्रीम कोर्ट का आदेश को कैबिनेट के आदेश से कैसे बदला जा सकता है? दरअसल यूपी में डीजीपी के चयन के लिए संघ लोक सेवा आयोग को नाम भेजने की जरूरत नहीं होगा। बल्कि राज्य सरकार खुद ही नाम तय करेगी। नए नियम के तहत डीजीपी का कार्यकाल 2 साल का होगा। वहीं इस पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने योगी सरकार पर निशाना साधा है।
योगी सरकार पर अखिलेश ने कसा तंज
यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने डीजीपी मामले को ‘दिल्ली बनाम लखनऊ’ कहा है. साथ ही इशारों ही इशारों में सीएम योगी पर तंज भी कसा है. डीजीपी मामले को ‘दिल्ली बनाम लखनऊ’ बताते हुए अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया पोस्ट किया, ‘सुना है किसी बड़े अधिकारी को स्थायी पद देने और और उसका कार्यकाल 2 साल बढ़ाने की व्यवस्था बनायी जा रही है… सवाल ये है कि व्यवस्था बनानेवाले ख़ुद 2 साल रहेंगे या नहीं.
सुना है किसी बड़े अधिकारी को स्थायी पद देने और और उसका कार्यकाल 2 साल बढ़ाने की व्यवस्था बनायी जा रही है… सवाल ये है कि व्यवस्था बनानेवाले ख़ुद 2 साल रहेंगे या नहीं।
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) November 5, 2024
कहीं ये दिल्ली के हाथ से लगाम अपने हाथ में लेने की कोशिश तो नहीं है।
दिल्ली बनाम लखनऊ 2.0
योगी कैबिनेट में डीजीपी चयन नियमावली पर लगी मुहर
योगी कैबिनेट ने यूपी के डीजीपी के चयन के लिए नियमावली पर मुहर लगा दिया है। डीजीपी चयन और कार्यवाहक पुलिस महानिदेशक के मसले को लेकर योगी सरकार लगातार विपक्षियों के निशाने पर रही है। इस रार से निपटने के लिए मुख्यमंत्री योगी के कैबिनेट ने इसका पटाक्षेप कर दिया है। जबकि फिलहाल के पुलिस मुखिया प्रशांत कुमार को पूर्णकालिक डीजीपी बनाने की तैयारी की जा रही है। उन्हें दो साल का फिक्स कार्यकाल भी मिल सकता है। उम्मीद है कि उनके सेवानिवृत्ति के बाद एक विस्तार मिल सकता है।
पहले ये थी DGP की नियुक्ति की प्रक्रिया
खबर ये भी है कि प्रशांत कुमार को पूर्णकालिक डीजीपी बनाने की तैयारी है. डीजीपी की नियुक्ति के लिए पहले की व्यवस्था के अनुसार, सरकार पुलिस सेवा में 30 वर्ष पूरे कर चुके उन अधिकारियों के नाम यूपीएससी को भेजती थी, जिनका छह माह का कार्यकाल शेष हो. यूपीएससी राज्य सरकार को तीन अधिकारियों के नामों का पैनल भेजता था, जिसमें से सरकार किसी एक को डीजीपी बनाती थी.
अब दो साल का होगा यूपी के डीजीपी का कार्यकाल
योगी सरकार ने डीजीपी के चयन के लिए हाईकोर्ट के रिटायर जज की अध्यक्षता में कमेटी बनाई गई है, जिसमें मुख्य सचिव, यूपीएससी की ओर से नामित एक व्यक्ति, उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष या उनकी ओर से नामित व्यक्ति, अपर मुख्य सचिव या प्रमुख सचिव गृह और एक रिटायर डीजीपी कमेटी में होंगे. अब यूपी के डीजीपी का कार्यकाल दो साल का होगा. पंजाब के बाद यूपी देश का दूसरा राज्य बनने जा रहा है, जहॉं डीजीपी की नियुक्ति को लेकर नई व्यवस्था बनाई गई है. यूपी में आख़िरी फुलटाइम डीजीपी मुकुल गोयल थे, जिन्हें 11 मई 2022 को पद से हटा दिया गया था. तब से यहां कार्यवाहक डीजीपी बनाए जाने की परंपरा शुरू हो गई है.
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