आर्थिक विकास के लिए टर्निंग पॉइंट बनी योगी सरकार… 11.6 की ग्रोथ दर्ज

UP growth: आर्थिक विकास के क्षेत्र में उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में ऐतिहासिक उपलब्धियां हासिल हुई हैं। उत्तर प्रदेश, जो कभी विकास की दौड़ में पिछड़ गया था, आज पूरी रफ्तार से आगे बढ़ रहा है। वर्ष 1950 से लेकर 2017 तक प्रदेश की सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) केवल 12.75 लाख करोड़ रुपए तक पहुंच पाई थी।

लेकिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की दूरदर्शी नीतियों और निर्णायक नेतृत्व की बदौलत यह आंकड़ा 2024-25 में दोगुना से अधिक होकर 27.51 लाख करोड़ रुपए के करीब पहुंचा है। यही नहीं, आगामी वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए प्रदेश ने 30.77 लाख करोड़ रुपए के जीएसडीपी लक्ष्य को भी निर्धारित किया है।

योगी का आर्थिक मॉडल तीव्र गति से विकास की ओर अग्रसर
राष्ट्रीय स्तर पर जहां 2023-24 में भारत की जीडीपी वृद्धि दर 9.6 प्रतिशत रही, वहीं उत्तर प्रदेश ने 11.6 प्रतिशत की दर से ग्रोथ दर्ज कर देश के अन्य राज्यों को पीछे छोड़ दिया। यह स्पष्ट संकेत है कि मुख्यमंत्री योगी का आर्थिक मॉडल तीव्र गति से विकास की ओर अग्रसर है।
प्रदेश की यह प्रगति दर्शाती है कि पहले की सरकारों की उपेक्षा के कारण उत्तर प्रदेश वर्षों तक विकास की दौड़ में पिछड़ता रहा। लेकिन अब वही राज्य, नए भारत के निर्माण में एक मजबूत स्तंभ के रूप में उभरकर सामने आ रहा है।

IIA ने योगी की बेहतर कानून व्यवस्था को व्यापार के लिए बताया संजीवनी
इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन (आईआईए) ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की बेहतर कानून व्यवस्था को व्यापार के लिए संजीवनी बताया है। आईआईए अयोध्या मंडल के अध्यक्ष प्रमित कुमार सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की नीतियां उत्तर प्रदेश के विकास के मार्ग पर आगे बढ़ाने में सहायक साबित हो रही हैं। विशेष तौर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का कानून व्यवस्था को लेकर सख्त निर्देश भी इसका बड़ा कारण है। इसी वजह से प्रदेश में व्यापार के अनुकूल माहौल बना है। जिसका परिणाम है कि देश-विदेश से लोग व्यापार करने के लिए उत्तर प्रदेश आने के लिए उत्सुक रहते हैं।

यहां पर इन्वेस्ट करने के बाद कारोबारियों को अपने व्यापार में काफी सहूलियत में मिलती है। इसके साथ ही लोग उत्तर प्रदेश में काफी सुरक्षित भी महसूस करते हैं।

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