2022 तक किसानों की आय दोगुना करने का योगी सरकार का संकल्प: सुरेश राणा

गोरखपुर। उप्र के गन्ना मंत्री सुरेश राणा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 2024 तक किसानों की आय को दोगुना करने के संकल्प को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 2022 तक ही पूर्ण करने का संकल्प लिया है।

इस संकल्प को पूर्ण करने के लिए पूर्वांचल में बस्ती में मुण्डेरवा और गोरखपुर में पिपराइच में 500-500 करोड़ रुपये की लागत से 2 अत्याधुनिक चीनी मिल लगा कर चला भी दिया। सठियांव में डिस्टिलरी भी संचालित कर रहे हैं।

सुरेश राणा गुरुवार को गोरखपुर विश्वविद्यालय में पूर्वांचल के सतत विकास विषयक राष्ट्रीय वेबिनार व संगोष्ठी में प्राइमरी सेक्टर  के प्रथम तकनीकी सत्र को वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए संबोधित कर रहे थे।

गन्ना मंत्री ने कहा कि पिपराइच और मुण्डेरवा उत्तर प्रदेश की पहली ऐसी चीनी मिले जो सल्फरलेस चीनी बनाएंगी। उनकी चीनी की बिक्री देश और दुनिया में मुण्डेरवा और पिपराइच के नाम पर होगी।

पिपराइच में एथेनॉल प्लांट और 120 किलोलीटर की डिस्टिडरी भी लगाने की दिशा में काम हो रहा है। पिपराइच उत्तर भारत की पहली चीनी मिल होगी जो गन्ने के जूस से सीधे एथेनॉल का उत्पादन करेगी।

इससे पेट्रोल और डीजल पर निर्भरता कम करने में मदद मिलेगी। दोनों चीनी मिलों को इतना सक्षम बनाया गया कि वे 18 से 25 करोड़ रुपये की बिजली को जेनरेशन प्लांट से स्वयं बना कर आय अर्जित कर सके।

गन्ना मंत्री ने कहा कि पूर्वांचल में 51 चीनी मिलें थीं लेकिन बसपा की सरकार ने 5 साल के कार्यकाल में 19 चीनी मिलों को बंद कर दिया। सपा की सरकार ने 10 चीनी मिलों को 5 साल में बंद कर दिया था।

सिर्फ 10 साल में 29 चीनी मिले बंद हुई। कई को औने पौने दाम पर बेच दिया गया। इसके साथ ही लाखों किसानों और लाखों रोजगार के अवसर भी खत्म हो गए।

सपा-बसपा सरकारों की किसान और विकास विरोधी सरकारों ने लाखों किसानों को हक और युवाओं से रोजगार के अवसर छीन लिए।

हम नई चीनी मिलें लगा रहे, भविष्य में भी नई चीनी मिलें लगाने की कार्य योजना बना ली गई है। आज भी पूर्वांचल 28 जिलो में 19 जिलो में गन्ना बोया जा रहा जहां किसानों को सुविधाएं दी जा रही हैं।

राणा ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एवं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रेरणा से आईओसी के साथ मिल कर धुरियापार चीनी मिल परिसर में 50 एकड़ में 800 करोड़ की लागत से बायो फ्यूल प्लांट लगाया जा रहा है।

किसानों के प्रति चिंता का परिणाम है कि आज गन्ना किसानों को गन्ना मूल्य का 35800 करोड़ रुपये भुगतान किया जा रहा है जबकि पूर्व में यह सिर्फ 18000 करोड़ रुपये था।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उप्र गन्ना उत्पादन में देश में नम्बर एक, क्षेत्रफल में नम्बर एक, चीनी उत्पादन में नम्बर एक और एथेनॉल उत्पादन में नम्बर एक बन गया है।

कोरोना कॉल में भी प्रदेश की 119 चीनी मिले संचालित हुई और गन्ना किसानों को कोविड 19 के संकट में उबार लिया गया। प्रदेश की 55 से ज्यादा मिले एथेनॉल का उत्पादन कर रही हैं।

संगोष्ठी के इस सत्र को अपर मुख्य सचिव गन्ना विकास संजय भूसरेड्डी, डॉ एडी पाठक, डॉ यूपी सिंह, कृषि वैज्ञानिक प्रशांत नन्दारगिकर ने भी संबोधित किया।

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