Heat Wave Update: आसमान से बरस रही आग, अब तक हीट स्ट्रोक से 43 लोगों ने गंवाई जान
Heat Wave Update: मौजूदा वक्त में देशभर के कई हिस्सों में गर्मी अपना प्रचंड रूप दिखा रही है। बेइंतहा गर्मी की वजह से आम इंसान का जीना मुहाल हो गया है। आग की भट्टी की तरह तपती धरती ने लोगों को बेबस कर दिया है। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि बीते कुछ दिनों में दर्जन भर लोग गर्मी की वजह से मर चुके हैं। ताजा रिपोर्ट के मुताबिक अब तक देशभर में भीषण गर्मी के कारण 43 लोगों की मौत हो चुकी है. अकेले बिहार में ही 20 लोग गर्मी के कारण अपनी जान गंवा चुके हैं. वहीं, ओडिशा में भी 10 लोगों की की जान गर्मी के कारण चली गई है.
गर्मी की वजह से कई इलाकों में लोगों को बाहर निकलना दुश्वार हो गया है। ऐसी स्थिति में स्थानीय प्रशासन लोगों को बेवजह बाहर निकलने से मना कर रही है। कल ही बिहार के एक अस्पताल में गर्मी की वजह से मात्र 2 घंटे के भीतर 16 लोगों की मौत हो गई। इसके वजह से पूरे राज्य में हड़कंप मच गया। इसके पीछे की सबसे बड़ी वजह उच्च तापमान को बताया जा रहा है। बता दें कि बिहार के कई जिलों में तापमान 44 डिग्री से ज्यादा है। सबसे अधिकतम तापमान बक्सर का दर्ज किया गया, जो 47 डिग्री से ज्यादा बताया गया।
गर्मी से मर रहे लोग
बिहार के अलावा राजस्थान, झारखंड, उड़ीसा में भी गर्मी ने कोहराम मचा रखा है। बता दें कि पिछले 24 घंटो में झारखंड में 5, राजस्थान में 5 और उड़ीसा में 10 लोगों की मौत हो चुकी है। सरकार ने चेतावनी जारी कर कहा है कि भीषण गर्मी आगे भी जारी रहेगी। वहीं देश की राजधानी दिल्ली की बात करें तो यहां भी तापमान 46 और 47 के करीब दर्ज किया गया है। इसके अलावा गर्मी की वजह से पानी की किल्लत भी हो गई है।
अभी जारी रहेगी भीषण गर्मी
मौसम विभाग ने कहा कि आने वाले दिनों में बिहार के कई हिस्सों में भीषण गर्मी जारी रहेगी. गुरुवार को 47.1 डिग्री तापमान के साथ बक्सर राज्य का सबसे गर्म स्थान रहा. जिन स्थानों पर तापमान 44 डिग्री सेल्सियस से अधिक दर्ज किया गया उनमें औरंगाबाद (46.1 डिग्री सेल्सियस), डेहरी (46 डिग्री सेल्सियस), गया (45.2 डिग्री सेल्सियस), अरवल (44.8 डिग्री सेल्सियस) और भोजपुर (44.1 डिग्री सेल्सियस) शामिल हैं. पटना में अधिकतम तापमान 40.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया.
भीषण गर्मी के देखते लोगों का दी जा रही सलाह
- गर्मी के संपर्क में आने से बचें, ठंडा रहें और निर्जलीकरण से बचें.
- प्रचार माध्यमों पर हीट वेव/लू की चेतावनी पर ध्यान दें.
- अधिक से अधिक पानी पीयें. प्यास न लगी हो तब भी पिएं.
- हल्के रंग के पसीना शोषित करने वाले सूती वस्त्र पहनें.
- घर से बाहर निकलते समय धूप के चश्मे, छाता, टोप यानी हैट व चप्पल का प्रयोग करें.
- अगर आप खुले में कार्य करते हैं तो सिर, चेहरा, हाथ, पैरों को गीले कपड़े से ढककर रखें.
- तेज धूप से बचने के लिए छाते का प्रयोग करें.
- लू से प्रभावित व्यक्ति/ महिला को छाया में लिटाकर सूती गीले कपडे से पोंछे अथवा नहलायें तथा जल्दी चिकित्सक से सम्पर्क करें.
- यात्रा करते समय पीने का पानी साथ रखें.
- कच्ची प्याज खाएं और ऊपरी जेब में भी रखें.
- ORS घर में बने पेय पदार्थ जैसे-लस्सी, कच्ची अंबियों का पना, इमली का पानी, चावल का पानी, नींबू पानी, छाछ आदि का उपयोग करें, जिससे शरीर में पानी की कमी की भरपाई हो सके.
- हीट स्ट्रोक, हीट रैश, हीट कैम्प के लक्षणों जैसे कमजोरी, चक्कर आना, सरदर्द, उबकाई, पसीना आना, बेहोशी आदि को पहचानें.
- यदि बेहोशी या बीमारी अनुभव करते है तो तुरन्त चिकित्सकीय सलाह लें.
- अपने घर को ठण्डा रखें. पर्दे, दरवाजे आदि का प्रयोग करें तथा रात व शाम के समय कमरों व घर को ठण्डा करने के लिये इन्हें खोल दें.
- पंखे, गीले कपड़ें का प्रयोग करें तथा बार-बार स्नान करें. कार्यस्थल पर पीने का शीतल पानी रखें.
- कर्मियों को सीधे सूर्य की रोशनी से बचने के लिए सावधान करें.
- श्रमसाध्य कार्यो को ठंडे समय में करने/कराने का प्रयास करें.
- घर से बाहर होने की स्थिति में आराम करने की समयावधि तथा आवृत्ति को बढ़ाएं.
- गर्भवती महिला कर्मियों तथा रोग्रगस्त कर्मियों पर अतिरिक्त ध्यान देना चाहिए.
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