कंगाल होने की कगार पर पाकिस्तान; फिर भी रक्षा बजट का खर्च 2100 अरब…
Pakistan Budget: एक-एक पैसे को मोहताज पड़ोसी देश पाकिस्तान ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए बीते बुधवार को पेश बजट में रक्षा क्षेत्र के लिए अलॉटमेंट 15 प्रतिशत बढ़ाकर 2,122 अरब रुपये कर दिया है। यह पिछले वित्त वर्ष के रक्षा बजट की तुलना में उल्लेखनीय बढ़ोतरी है।
भाषा की खबर के मुताबिक, कर्ज संकट से जूझ रहे पाकिस्तान ने यह कदम ऐसे समय उठाया है जब वह देश की बाहरी देनदारियों को पूरा करने के लिए अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) से नया ऋण पाने का प्रयास कर रहा है।
कर्ज और तंगी से जूझ रहे पाकिस्तान ने अपने रक्षा बजट में 15 फीसदी की बढ़ोतरी की है। करीब 18,877 अरब रुपए के इस बजट में रक्षा क्षेत्र के लिए 15 फीसदी की बढ़ोतरी की गई है। इस साल पाकिस्तान का रक्षा बजट 2122 अरब रुपए होगा। पिछले साल यह 1804 अरब रुपए था। पाकिस्तान में आटा 200 रुपए किलो और दूध 300 रुपए लीटर बिक रहा है। कराची में तो 800 रुपए किलो तक में आटा बिकने की भी खबर आई। ऐसे पाकिस्तान में साजो-सामान पर इतना ज्यादा खर्च पाकिस्तान को बर्बादी के कगार पर ले जा रहा है, जिसकी नींव रखी थी पूर्व पीएम जुल्फिकार अली भुट्टो ने। भुट्टो ने कहा था कि पाकिस्तानी घास खाएंगे, भूखे रहेंगे लेकिन परमाणु बम बनाकर रहेंगे।
पाकिस्तान के बर्बाद होने के कुछ कारण
- भारत से दुश्मनी के चक्कर में पाकिस्तान हो रहा है बर्बाद
- सेना और हथियार पर जमकर खर्च कर रहा है पाकिस्तान
- कंगाली में सैन्य खर्चों में 15 फीसदी इजाफा खतरे की घंटी
पाकिस्तान के वित्त मंत्री मुहम्मद औरंगजेब ने रक्षा बजट के लिए 2024-25 के सत्र के लिए 2,122 अरब रुपये आवंटित किए, जो नकदी की कमी से जूझ रहे पाकिस्तान की बाहरी देनदारियों को पूरा करने के लिए आईएमएफ से नया ऋण हासिल करने के प्रयासों के बीच पिछले साल की तुलना में उल्लेखनीय वृद्धि है.
पिछले साल सरकार ने रक्षा के लिए 1,804 अरब रुपये आवंटित किए थे, जो पिछले साल आवंटित 1,523 अरब रुपये से अधिक था. वित्त मंत्री मुहम्मद औरंगजेब ने बजट पेश करते हुए कहा कि सरकार ने अगले साल के लिए 3.6 प्रतिशत जीडीपी वृद्धि लक्ष्य निर्धारित किया है, हालांकि देश उस लक्ष्य से चूक गया और केवल 2.38 प्रतिशत की वृद्धि हासिल कर सका.
बजट के दौरान विपक्ष का हंगामा
मंत्री ने कहा कि आर्थिक संकट समाप्त हो गया है और सरकार ने नए अवसर प्रदान करके विकास प्रक्रिया को तेज कर दिया है. उन्होंने घाटे में चल रही सरकारी संस्थाओं के निजीकरण में तेजी लाने के साथ-साथ विभिन्न हवाई अड्डों को आउटसोर्स करने की योजना की भी घोषणा की.
विपक्षी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के सांसदों ने बजट भाषण के दौरान सरकार के खिलाफ नारे लगाकर विरोध किया. उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार वैध नहीं है क्योंकि यह चुनावों में धोखाधड़ी के जरिए सत्ता में आई है. बजट भाषण के बाद सत्र स्थगित कर दिया गया. सरकार की अस्थायी योजना के अनुसार, बजट पर आम बहस 20 जून से शुरू होगी और 24 जून तक जारी रहेगी. सदस्य 26 और 27 जून को बहस में हिस्सा लेंगे और कटौती प्रस्तावों पर मतदान करेंगे, जबकि बजट 28 जून को पारित किया जाएगा.
पाकिस्तान पर विदेशी कर्जे
पाकिस्तान पर भारी-भरकम विदेशी कर्ज है। डॉन की खबर के मुताबिक, पाकिस्तान का सार्वजनिक ऋण – घरेलू और विदेशी दोनों – हाल के वर्षों में बहुत तेजी से बढ़कर 67.5 ट्रिलियन रुपये हो गया है, जो बढ़ते बजट घाटे को पूरा करने के लिए सरकारी उधारी की जरूरत पर निर्भर है। मार्च के लिए पाकिस्तान के स्टेट बैंक के आंकड़ों से पता चलता है कि सार्वजनिक ऋण पाकिस्तान के आर्थिक उत्पादन का लगभग तीन चौथाई है और लगभग 81 ट्रिलियन रुपये के कुल राष्ट्रीय ऋण का 83 प्रतिशत से थोड़ा अधिक है।