OMG! ‘वेजिटेबल मैन ऑफ लखनऊ’, जिन्होंने 32 साल से नहीं खरीदी बाज़ार की सब्जी…
Lucknow News: राजधानी लखनऊ के विनोद पांडेय एक मिशाल बने हुए है. जो अपने घर में ही सब्जियां उगा रहे हैं. वह बाजार से कभी भी सब्जियां खरीदकर नहीं लाते हैं. उन्होंने बताया कि वह किसी भी कीटनाशक दवा का बिना प्रयोग किए ही सब्जी उगाते हैं.
बता दें कि पिछले 32 सालों से एक भी सब्जी ना खरीदने वाले विनोद कुमार पांडेय ने कमाल कर दिया है. अभी तक ये अपने घर की छत पर सब्जियां ही उगाकर खुद भी खाते थे और पूरे मोहल्ले को भी खिला रहे है, सब्जियों के साथ ही फलों को भी अपने घर की छत, बालकनी और आंगन में उगाना शुरू कर दिया है, जिसमें खास तौर पर आम, संतरा, जामुन, चीकू और अनार हैं.
सब्जियां बाजार से नहीं खरीदते…
वेजिटेबल मैन ऑफ लखनऊ के नाम से फेमस विनोद पांडेय कहते हैं कि मिलावटी और महंगाई के इस जमाने में अभी तक उन्होंने बाजार से सब्जी खरीदनी बंद की थी, लेकिन अब फल भी खरीदना बंद कर देंगे और अपने घर में ही उगे शुद्ध फलों को खूब खाएंगे और लोगों को भी खिलाएंगे. इनके यहां जो आम उगा है, उसका नाम स्वर्ण रेखा है. शहर के लोग इनको शहरी मॉडर्न किसान भी कहने लगे हैं.
मोहल्ले वाले भी लुफ्त उठा रहे फल और सब्जियों के
विनोद कुमार पांडेय ने बताया कि उनके पास इतनी बड़ी तादाद में आम, अनार, जामुन, चीकू, करौंदा, टमाटर, बैंगन, लौकी, हरी मिर्च, नींबू, भिंडी, करेला और तमाम दूसरी सब्जियों हो जाती हैं कि मोहल्ले वालों को भी इमरजेंसी में उन्हीं से फल और सब्जी लेनी पड़ती है. वह सभी को निःशुल्क देते हैं. इन दिनों विनोद पांडेय का पूरा घर अंदर से लेकर बाहर तक सब्जियों और फलों से लदा हुआ है.
कैसे शुरू हुआ यह सफर
वेजिटेबल मैन ऑफ लखनऊ के नाम से विख्यात विनोद कुमार पांडेय ने बताया कि जब वह साल 1994 में लखनऊ आए तो गोमती नगर में मकान लिया. बाजार में बिकने वाले कीटनाशक सब्जियों से दुरी बनाने की सोचा. और तब से ही वो घर की छत पर सब्जी उगा रहे थे. अब फल भी उगाने लगे हैं. उन्होंने बताया कि सब्जियों और फलों को उगाने में वह सिर्फ अपने रसोई से निकलने वाला खाद्य पदार्थ ही इस्तेमाल करते हैं. किसी तरह का कोई मार्केट का बना हुआ कीटनाशक इस्तेमाल नहीं करते हैं, इसलिए उनके घर की सब्जी और फल सेहतमंद होते हैं.
उन्होंने बताया कि हर कोई इतना वक्त घर के गमलों को नहीं दे पाता है, यही वजह है कि हर किसी के लिए ऐसा कर पाना आसान नहीं है. वह एक कंपनी में नौकरी भी करते हैं और घर आने के बाद घर में खेती भी करते हैं. उन्होंने कहा कि थोड़ा समय लगता है लेकिन सेहत के लिए शुद्ध सब्जियां उगाना उन्हें अब अच्छा लगता है.