हिंसा, लूट और ताबड़तोड़ हत्याएं…मणिपुर सीएम ने बताई आतंकी हमले की दास्तां
Manipur Violence: मणिपुर में हिंसा के बीच केंद्रीय बलों की 8 टुकड़ियाँ इम्फाल पहुँचीं। 10 कुकी विधायकों ने पूरे राज्य में AFSPA लागू करने की मांग की।
Manipur CM on CRPF: मणिपुर में हिंसा (Manipur Violence) रुकने का नाम नहीं ले रही है। अब जिरीबाम जिले में हिंसा देखी गई है, जिसमें आठ लोगों की मौत हो गई। सरकार ने इसे आतंकी हमला बताया। हालांकि, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) ने हस्तक्षेप कर कई लोगों की जान बचा ली। उन्होंने हथियारों की बरामदगी के लिए यह मांग की। कुकी विधायकों ने सरकार से शांति बहाली के लिए बातचीत शुरू करने का आग्रह किया। उन्होंने जिरीबाम में हुई हिंसा की निंदा की।
हिंसा में फिर झुलसा मणिपुर
गौरतलब है कि मणिपुर में पिछले हफ्ते हिंसा बढ़ने के बाद गुस्साए लोगों ने कई विधायकों के घरों में तोड़फोड़ की थी। यह हिंसा मैतेई समुदाय की तीन महिलाओं और तीन बच्चों के जिरीबाम जिले में एक राहत शिविर से लापता होने के बाद भड़की थी। 11 नवंबर को सुरक्षा बलों और संदिग्ध कुकी-जो उग्रवादियों के बीच गोलीबारी में 10 उग्रवादियों के मारे जाने के बाद 6 लोग लापता हो गए थे। इन छह लोगों के शव पिछले कुछ दिनों में बरामद किए गए हैं।
इस घटना पर मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने भी बयान सामने आया है। टीवी चैनल एनडीटीवी से बातचीत में बीरेन ने कहा कि ’10 कुकी आतंकवादियों’ ने जिरीबाम के बोरोबेकरा में एक राहत शिविर में घुसने की कोशिश की, जहां 115 आंतरिक रूप से विस्थापित लोग रह रहे थे, लेकिन सीआरपीएफ ने उनकी योजना को विफल कर दिया।
उन्होंने ये भी कहा कि असम के साथ अंतरराज्यीय सीमा पर स्थित गांव बोरोबेकरा में 11 नवंबर को केंद्रीय बलों के साथ गोलीबारी में सभी 10 आतंकवादी मारे गए। इस घटना में सीआरपीएफ का एक जवान घायल हो गया।