Vision IAS पर 3 लाख का जुर्माना, इस मामले में की गई कारवाई

Vision IAS: केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA) ने सिविल सेवा परीक्षा (civil service exam) में अपने छात्रों की सफलता के बारे में भ्रामक विज्ञापन देने के लिए विजन आईएएस पर 3 लाख रुपए का जुर्माना लगाया है।

Fine of Rs 3 lakh for misleading advertisement: केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) ने शनिवार को यूपीएससी सीएसई 2020 के परिणाम के बारे में भ्रामक दावों का विज्ञापन करने के लिए विजन आईएएस (Vision IAS) पर तीन लाख रुपये का जुर्माना लगाया। उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने कहा, ” किसी भी वस्तु या सेवा का कोई गलत या भ्रामक विज्ञापन न किया जाए, जो उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 के प्रावधानों का उल्लंघन करता हो।”

विजन आईएएस ने फैलाई भ्रामक जानकारी

सीसीपीए के अनुसार, कोचिंग संस्थान ने शीर्ष 10 उम्मीदवारों के नाम और तस्वीरें प्रमुखता से प्रदर्शित कीं, लेकिन पाठ्यक्रम से संबंधित जानकारी का खुलासा नहीं किया गया। इसके अलावा, टॉपर द्वारा चुने गए पाठ्यक्रम का उल्लेख किया गया था, लेकिन अन्य नौ सफल उम्मीदवारों द्वारा चुने गए पाठ्यक्रमों के बारे में जानकारी छिपाई गई थी। मुख्य आयुक्त निधि खरे और आयुक्त की अध्यक्षता वाली सीसीपीए ने कहा, “इस जानकारी को छिपाने से यह भ्रामक धारणा बनी कि शेष नौ उम्मीदवार ‘जीएस फाउंडेशन बैच क्लासरूम स्टूडेंट’ कोर्स में नामांकित थे, जो सच नहीं था।”

सीसीपीए ने विजन आईएएस द्वारा प्रस्तुत डिजिटल प्रोफाइल और फीस रसीदों की भी जांच की। इसने पाया कि फाउंडेशन कोर्स सबसे महंगा है, जिसकी कीमत 1,40,000 रुपये है, जबकि अभ्यास वन-टाइम प्रीलिम्स मॉक टेस्ट की की मत केवल 750 रुपये है। उपलब्ध जानकारी के अनुसार, रैंक 1 ने फाउंडेशन कोर्स 2018 (क्लासरूम/ऑफलाइन) में दाखिला लिया था, और रैंक 8 ने संस्थान के ऑनलाइन फाउंडेशन कोर्स 2015 में दाखिला लिया था। वहीं, रैंक 2, रैंक 3, रैंक 5, रैंक 7, रैंक 8 और रैंक 10 ने जीएस मेन्स टेस्ट सीरीज में दाखिला लिया था। सीसीपीए ने कहा।

नियामक ने कहा, इस विज्ञापन के साथ, “विज़न आईएएस ने ऐसा दिखाया कि इसके द्वारा पेश किए गए सभी पाठ्यक्रमों में उपभोक्ताओं के लिए एक ही सफलता दर थी, जो सही नहीं था।” इससे पहले, सीसीपीए ने भ्रामक विज्ञापनों और अनुचित व्यापार प्रथाओं के लिए कई कोचिंग संस्थानों के खिलाफ कार्रवाई की है। नियामक ने अब तक भ्रामक विज्ञापनों और अवैध गतिविधियों लिए विभिन्न कोचिंग संस्थानों को 46 नोटिस जारी किए हैं। इसने 23 कोचिंग संस्थानों पर 74,60000 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है और उन्हें भ्रामक विज्ञापन बंद करने का निर्देश दिया।

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